Vinay Mishra

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White और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है और कितना मुझे रुलाओगे प्रभु मेरे आँसुओ का दरिया सूखा जा रहा है ताउम्र मुश्किलों में जिये है हम घुट घुट के आँसू ही पिये है हम अब हंसने के मंजर दिखा दीजिये हजारो ज़ख़्म सीने में सिंये है हम ना जाने किसकी नज़र लगी है हमको मेरी खुशियों को सरेआम लूटा जा रहा है और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है..... अगले जनम कर लेना मेरे कर्मो का हिसाब इस जनम थोड़ा जुनून से जीने दीजिये थक गए है चार लोगों की बाते सुनते सुनते एक चाय तसल्ली की सुकून से पीने दीजिये जो सही है बस वही देना प्रभु मेरा सर दर्द से घूमा जा रहा है और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है..... ©Vinay Mishra

#कविता #GoodMorning  White और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु
मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है
और कितना मुझे रुलाओगे प्रभु
मेरे आँसुओ का दरिया सूखा जा रहा है

ताउम्र मुश्किलों में जिये है हम
घुट घुट के आँसू ही पिये है हम
अब हंसने के मंजर दिखा दीजिये
हजारो ज़ख़्म सीने में सिंये है हम
ना जाने किसकी नज़र लगी है हमको
मेरी खुशियों को सरेआम लूटा जा रहा है
और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु
मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है..... 

अगले जनम कर लेना मेरे कर्मो का हिसाब
इस जनम थोड़ा जुनून से जीने दीजिये
थक गए है चार लोगों की बाते सुनते सुनते
एक चाय तसल्ली की सुकून से पीने दीजिये
जो सही है बस वही देना प्रभु
मेरा सर दर्द से घूमा जा रहा है
और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु
मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है.....

©Vinay Mishra

#GoodMorning

16 Love

White मिश्री के जैसी मीठी हूँ मैं मिर्ची के जैसी तीखी हूँ मैं कुछ भी कर सकती हूँ मैं थोड़ी ज़िद्दी हूँ मै, हाँ स्त्री हूँ मैं सबकी सुनती हूँ, सब कुछ करती हूँ मुश्किलों से मै कभी ना डरती हूँ सह लेती हूँ बीस हड्डियों के टूटने का दर्द इस स्रष्टि का सृजन भी मै ही करती हूँ रिश्तों की सलवटो पर एक उम्दा इस्तरी हूँ मै थोड़ी ज़िद्दी हूँ मै, हाँ स्त्री हूँ मै सब्र मेरा कब्र से भी गहरा है ये वक़्त सिर्फ स्त्रियों के लिए ही ठहरा है ख्वाहिशें तो है चाँद को छूने की मेरी उम्मीदों पर समाज का पहरा है सुधार दे जो ज़िंदगी की गाड़ी को एक ऐसी बेहतर मिस्त्री हूँ मैं थोड़ी ज़िद्दी हूँ मैं, हाँ स्त्री हूँ मैं ©Vinay Mishra

#मोटिवेशनल #stree  White मिश्री के जैसी मीठी हूँ मैं
मिर्ची के जैसी तीखी हूँ मैं 
कुछ भी कर सकती हूँ मैं
थोड़ी ज़िद्दी हूँ मै, हाँ स्त्री हूँ मैं
सबकी सुनती हूँ, सब कुछ करती हूँ
मुश्किलों से मै कभी ना डरती हूँ
सह लेती हूँ बीस हड्डियों के टूटने का दर्द
इस स्रष्टि का सृजन भी मै ही करती हूँ
रिश्तों की सलवटो पर 
एक उम्दा इस्तरी हूँ मै
थोड़ी ज़िद्दी हूँ मै, हाँ स्त्री हूँ मै
सब्र मेरा कब्र से भी गहरा है
ये वक़्त सिर्फ स्त्रियों के लिए ही ठहरा है
ख्वाहिशें तो है चाँद को छूने की
मेरी उम्मीदों पर समाज का पहरा है
सुधार दे जो ज़िंदगी की गाड़ी को
एक ऐसी बेहतर मिस्त्री हूँ मैं
थोड़ी ज़िद्दी हूँ मैं, हाँ स्त्री हूँ मैं

©Vinay Mishra

#stree

15 Love

White अज्ञानता के अंधेरे में था ज्ञान की रोशनी मे ला दिया भटक गया था जो राहों में मुझको मुझसे से ही मिला दिया क्या खूब पाया मैंने आप जैसा गुरु मुझे आदमी से इंसान बना दिया ©Vinay Mishra

#कविता #guru_purnima  White अज्ञानता के अंधेरे में था
ज्ञान की रोशनी मे ला दिया
भटक गया था जो राहों में 
मुझको मुझसे से ही मिला दिया
क्या खूब पाया मैंने आप जैसा गुरु
मुझे आदमी से इंसान बना दिया

©Vinay Mishra

#guru_purnima प्रेरणादायी कविता हिंदी

12 Love

White मामा के ना फूफी के ये है भैया UP के @ election results #अयोध्या ©Vinay Mishra

#अयोध्या #election_2024 #Quotes  White मामा के ना फूफी के
ये है भैया UP के
@
election results
#अयोध्या

©Vinay Mishra

थोड़ा सुकून थोड़ा आराम दिला देती है ये चाय की चुस्की, मेरा दिन बना देती हैं ©Vinay Mishra

#GingerTea  थोड़ा सुकून थोड़ा आराम दिला देती है
ये चाय की चुस्की, मेरा दिन बना देती हैं

©Vinay Mishra

#GingerTea

18 Love

"भोले" तेरी कृपा से मेरा सबकुछ सँवर गया जीवन का और एक साल अच्छे से गुज़र गया ©Vinay Mishra

 "भोले" तेरी कृपा से मेरा सबकुछ सँवर गया
जीवन का और एक साल अच्छे से गुज़र गया

©Vinay Mishra

"भोले" तेरी कृपा से मेरा सबकुछ सँवर गया जीवन का और एक साल अच्छे से गुज़र गया ©Vinay Mishra

15 Love

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