White और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु
मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है
और कितना मुझे रुलाओगे प्रभु
मेरे आँसुओ का दरिया सूखा जा रहा है
ताउम्र मुश्किलों में जिये है हम
घुट घुट के आँसू ही पिये है हम
अब हंसने के मंजर दिखा दीजिये
हजारो ज़ख़्म सीने में सिंये है हम
ना जाने किसकी नज़र लगी है हमको
मेरी खुशियों को सरेआम लूटा जा रहा है
और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु
मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है.....
अगले जनम कर लेना मेरे कर्मो का हिसाब
इस जनम थोड़ा जुनून से जीने दीजिये
थक गए है चार लोगों की बाते सुनते सुनते
एक चाय तसल्ली की सुकून से पीने दीजिये
जो सही है बस वही देना प्रभु
मेरा सर दर्द से घूमा जा रहा है
और कितने इम्तिहान लोगे प्रभु
मेरे सब्र का बांध टूटा जा रहा है.....
©Vinay Mishra
#GoodMorning