Poet Ramashankar

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https://www.readapoetry.com/2019/09/Ramashankar-Patel-Kavita-Hindi-Love-Story-Char-Baj-Gaye-Hai-Neend-Abtk-Nahi-Aai-Hai.html.

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21 12111 2 11 21 21 2 12= 24 गैर इरादतन, लो इक और शाम हो गयी मुझ पे लगी तोहमतें भी नीलाम हो गयी मैं तो अब, तन्हाइयों से इश्क़ करता हूं, मेरी रातें तो यूं ही बदनाम हो गयी। भंवर में डूब जाना , महज किस्सा नही मेरी कस्ती तो अब गैरों के नाम हो गयी बदनामियों की भीड़ थी, मेरे कुनबे में, मैकदे से गुजरा तो सरेआम हो गयी। मेरी फकीरी को तुम लफ्ज दे रहे हो मेरी हस्ती तो, अब "राम" नाम हो गयी। ©Poet Ramashankar

#moonlight  21 12111 2 11 21 21 2 12= 24

गैर इरादतन, लो इक और शाम हो गयी
मुझ पे लगी तोहमतें भी नीलाम हो गयी 

मैं तो अब, तन्हाइयों से इश्क़ करता हूं,
मेरी  रातें तो  यूं  ही बदनाम  हो गयी।

भंवर में डूब जाना ,  महज किस्सा नही
मेरी कस्ती तो अब गैरों के नाम हो गयी

बदनामियों की भीड़ थी, मेरे कुनबे में,
मैकदे से गुजरा  तो सरेआम हो गयी।

मेरी फकीरी को तुम लफ्ज दे रहे  हो
मेरी हस्ती तो, अब "राम" नाम हो गयी।

©Poet Ramashankar

#moonlight

7 Love

अब अंधेरा घिर जाए तो जुगुनू नहीं आते अगर नींद न आए , तो सपने नही आते एक अरसे से खाली पड़ा है कमरा मेरा, सुना है, दौलत न हो तो अपने नही आते। उनका भी दावा है, जिंदगी भर साथ चलने का जो शाम ढल जाए, तो मिलने नहीं आते। मुफ़लिसी में सपनों के घरोंदे भी टूट जाते हैं मुद्दा-ए-बहस ये है कि , रहने नहीं आते। ✍️poetramashankar

 अब अंधेरा घिर जाए तो जुगुनू नहीं आते
अगर नींद न आए , तो सपने  नही आते

एक अरसे से खाली पड़ा है कमरा मेरा, 
सुना है, दौलत न हो तो अपने नही आते।

उनका भी दावा है, जिंदगी भर साथ चलने का
जो शाम ढल जाए, तो मिलने नहीं आते।

मुफ़लिसी में सपनों के घरोंदे भी टूट जाते हैं
मुद्दा-ए-बहस ये है कि , रहने नहीं आते।


 ✍️poetramashankar

अब अंधेरा घिर जाए तो जुगुनू नहीं आते अगर नींद न आए , तो सपने नही आते एक अरसे से खाली पड़ा है कमरा मेरा, सुना है, दौलत न हो तो अपने नही आते। उनका भी दावा है, जिंदगी भर साथ चलने का जो शाम ढल जाए, तो मिलने नहीं आते। मुफ़लिसी में सपनों के घरोंदे भी टूट जाते हैं मुद्दा-ए-बहस ये है कि , रहने नहीं आते। ✍️poetramashankar

8 Love

जब वो हंसती है तो हंसते हैं ये नदियाँ , झरने ये पेड़ सारे जब वो मुस्कुराती है तो साथ उसके मुस्काती हैं ये दीवारें उसका वो हाथों से चेहरे को छिपाना जैसे चाँद का बादल में छिप जाना उसका चेहरे से हाथ को हटाना जैसे धीरे से चाँद का बादल से निकल जाना @poetramashankar

#MorningTea  जब वो हंसती है तो हंसते हैं
 ये नदियाँ , झरने ये पेड़ सारे
जब वो मुस्कुराती है तो 
साथ उसके  मुस्काती हैं ये दीवारें
उसका वो हाथों से चेहरे को छिपाना
जैसे चाँद का बादल में छिप जाना
उसका चेहरे से हाथ को हटाना जैसे
धीरे से चाँद का बादल से निकल जाना


@poetramashankar

दिल में अब किताबों का , घर हुआ तो है आंखों से दिल तक का, सफर हुआ तो है हिज्र,आशिक़ी,शराब मैं सब जनता हूँ उसे इश्क़ करने का, असर हुआ तो है। जिसके शाख से उड़ गए होंगे परिंदे भी जंगल में ऐसा भी, शजर हुआ तो है। खबर लाओ कि चाय पर बुलाया है उसने सुना है प्यालो मे भी, जहर हुआ तो है। ✍️@poetramashankar

 दिल में अब किताबों का , घर हुआ तो है
आंखों से दिल तक का, सफर हुआ तो है

हिज्र,आशिक़ी,शराब मैं सब जनता हूँ
उसे इश्क़ करने का, असर हुआ तो है।

जिसके शाख से उड़ गए होंगे परिंदे भी
जंगल में ऐसा भी, शजर हुआ तो है।

खबर लाओ कि चाय पर बुलाया है उसने
सुना है प्यालो मे भी, जहर हुआ तो है।



  ✍️@poetramashankar

दिल में अब किताबों का , घर हुआ तो है आंखों से दिल तक का, सफर हुआ तो है हिज्र,आशिक़ी,शराब मैं सब जनता हूँ उसे इश्क़ करने का, असर हुआ तो है। जिसके शाख से उड़ गए होंगे परिंदे भी जंगल में ऐसा भी, शजर हुआ तो है। खबर लाओ कि चाय पर बुलाया है उसने सुना है प्यालो मे भी, जहर हुआ तो है। ✍️@poetramashankar

6 Love

मन सहमा-सहमा लगता है, दिन रातों में ढल जाता हैं,,, अंजुल में पानी भर भी लो, वो धीरे धीरे बह जाता है। आंखों की चौखट से ताल्लुक जिन सपनों का रहता है, लड़ने की जिद अपनी है पर डर अपनो का रहता है। ✍️poetramashankar

 मन सहमा-सहमा लगता है,
दिन रातों में ढल जाता हैं,,,
अंजुल में पानी भर भी लो,
वो धीरे धीरे बह जाता है।
आंखों की चौखट से ताल्लुक
जिन सपनों का रहता है,
लड़ने की जिद अपनी है पर
डर अपनो का रहता है।

✍️poetramashankar

मन सहमा-सहमा लगता है, दिन रातों में ढल जाता हैं,,, अंजुल में पानी भर भी लो, वो धीरे धीरे बह जाता है। आंखों की चौखट से ताल्लुक जिन सपनों का रहता है, लड़ने की जिद अपनी है पर डर अपनो का रहता है। ✍️poetramashankar

9 Love

आंखों से दिल तक का सफर,हुआ तो है दिल में अब किताबों का घर, हुआ तो है। हिज्र,आशिक़ी,शराब मैं सब जानता हूँ उसे इश्क़ करने का असर, हुआ तो है। जिसके शाख से उड़ गए होंगे परिंदे भी जंगल में ऐसा भी शजर, हुआ तो है। ✍️@poetramashankar

#Blacktree  आंखों से दिल तक का सफर,हुआ तो है
दिल में अब किताबों का घर, हुआ तो है।

हिज्र,आशिक़ी,शराब मैं सब जानता हूँ
उसे इश्क़ करने का असर, हुआ तो है।

जिसके शाख से उड़ गए होंगे परिंदे भी
जंगल में ऐसा भी शजर, हुआ तो है।

  ✍️@poetramashankar

#Blacktree

6 Love

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