अभी बाकी है
बीती जो तूफानी रात है,
उस से जो बिखर कर तितर बितर हुआ,
उस तिनके के घर को
ज़मीन से उठाना !!
अभी बाकी है!!!
क्या हुआ ए मुसाफिर
अगर लंबी लग रही है तुझे ये गम की शाम,
खुशियों से भरी रात,
अभी बाकी है!!!
क्या हुआ अगर
तुम एक ना हो पाए
उन दो दिलों में प्यार,,
अभी बाकी है!!!
हां माना,
मन मुताबिक ना भरे गए हों,
कुछ शुरुवाती पन्ने जिंदगी के तेरे
लेकिन जिंदगी नामक किताब में कुछ पन्ने,
अभी बाकी हैं!!!
ये उतार चढ़ाव
तो आते रहेगें इस रास्ते में
लेकिन तेरी चलती गाड़ी का रुकना,
अभी बाकी है
बीत गए हैं कुछ लम्हात
लेकिन कुछ हसीन पल
अभी बाकी है!!!
©Anurag Thakur
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here