साक्षी

साक्षी Lives in Saharsa, Bihar, India

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ये हुस्न.... तेरे दीदार की इजाजत ले कर आए है, भरी महफिल में तेरे इश्क़ की कसमें खाई है, अब तो चेहरा दिखा दे, यूं बीच में पर्दा न रख... तुझ से निकाह पढ़ के आए हैं।। ©साक्षी

 ये हुस्न....
तेरे दीदार की इजाजत ले कर आए है,
भरी महफिल में तेरे इश्क़ की कसमें खाई है,
अब तो चेहरा दिखा दे, 
यूं बीच में पर्दा न रख...
तुझ से निकाह पढ़ के आए हैं।।

©साक्षी

#बीचमेंपर्दानारख #शायरी #साक्षी

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White बुद्ध होने की पहली शर्त त्याग है, स्त्री हर दिन त्याग कर भी बुद्ध नहीं हो सकती। ©साक्षी

#स्त्री #विचार #ज्ञान #नारी #buddha  White बुद्ध होने की पहली शर्त त्याग है,
स्त्री हर दिन त्याग कर भी
बुद्ध नहीं हो सकती।

©साक्षी

White छोटे- छोटे किस्से, छोटी- छोटी बातें, छोटे से थे हम भी, छोटी थी मुलाकातें, फिर उन छोटी लम्हों कि क्यों लम्बी रह गईं यादें? साल बदला, जीवन बदला, बदले जीने के तरीके हम भी बदले, वो भी बदले.. फिर उन बदले सालों में, क्यों ना बदली यादेँ? वो बचपन वाली बातें, वो बचपन वाले खेल, वो बचपन वाले दोस्त, वो बचपन वाली मेल, आज भी हम सब मिलते वक्त निकाल, पर ना जाने क्यों मिलने पर भी नहीं मिल पाते वो पुराने यार? शायद जिस बचपन को ढूंढ रहे हम अपनी-अपनी यादों में, वो बच्चा अब हम में हीं ना बचा, खो गया जीवन के विवादों में।। ©साक्षी

#बचपन_की_यादें #बचपनकेदोस्त #साक्षी #दोस्त #कविता #बचपन  White छोटे- छोटे किस्से, छोटी- छोटी बातें,
छोटे से थे हम भी, छोटी थी मुलाकातें,
फिर उन छोटी लम्हों कि क्यों लम्बी रह गईं यादें?

साल बदला, जीवन बदला, बदले जीने के तरीके
हम भी बदले, वो भी बदले..
फिर उन बदले सालों में, क्यों ना बदली यादेँ?

वो बचपन वाली बातें, वो बचपन वाले खेल,
वो बचपन वाले दोस्त, वो बचपन वाली मेल,
आज भी हम सब मिलते वक्त निकाल,
पर ना जाने क्यों मिलने पर भी नहीं मिल पाते वो पुराने यार?

शायद जिस बचपन को ढूंढ रहे हम अपनी-अपनी यादों में,  
वो बच्चा अब हम में हीं ना बचा, खो गया जीवन के विवादों में।।

©साक्षी

White हमने भी लिखे थे कई नज्में वो नज़्म कहीं गुम गए। कुछ वक्त थी मांगी जिंदगी से अब वक्त ही रह गया ज़िंदगी कहीं गुम गयी।। ©साक्षी

#जिंदगी #गुमनाम #नज्में #साक्षी #शायरी  White हमने भी लिखे थे कई नज्में
वो नज़्म कहीं गुम गए।

कुछ वक्त थी मांगी जिंदगी से
अब वक्त ही रह गया
ज़िंदगी कहीं गुम गयी।।

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किसी ने मेहताब देखा है, किसी ने किताब देखा है। दोनों ने हीं रात-रात भर जग, कितने ख्वाब देखा है। ©साक्षी

#मोहब्बत #Books  किसी ने मेहताब देखा है,
 किसी ने किताब देखा है। 
दोनों ने हीं रात-रात भर जग,
 कितने ख्वाब देखा है।

©साक्षी

किसी ने मेहताब देखा है, किसी ने किताब देखा है। दोनों ने हीं रात-रात भर जग, कितने ख्वाब देखा है। मेहताब के आशिक है कई, मंजिल के भी मुसाफिर कई। कोई लूटने को तैयार बैठा है,

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किसी कथाकार की सर्वश्रेष्ठ रचना उसके व्यथित हृदय का प्रतिविम्ब होता है, ये रचना पीड़ा, करुणा अथवा प्रेम से विचलित मन की प्रबल आँच पर तैयार होती है तथा भावों की प्रबलता शब्दों के चुनाव द्वारा प्रदर्शित होती है।। ©साक्षी

#विचार #रचना  किसी कथाकार की सर्वश्रेष्ठ रचना उसके व्यथित हृदय का प्रतिविम्ब होता है, ये रचना पीड़ा, करुणा अथवा प्रेम से विचलित मन की प्रबल आँच पर तैयार होती है तथा भावों की प्रबलता शब्दों के चुनाव द्वारा प्रदर्शित होती है।।

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#रचना

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