Suraj

Suraj Lives in Mainpuri, Uttar Pradesh, India

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गलती अगर की है मैंने तो सजा भी मुझे सुना दो ना मानता हूं दूर हूं तुमसे, तो पीटने के लिए बुला लो ना इतनी जल्दी रूठोगी तो कैसे मै रह पाऊंगा सुना है रोए बहुत हो तुम तो थोड़ा मुझे भी रुला दो ना नींद भरी है आंखों में,सोया नहीं हूं रातों में रूठी तुम तो बिखर जाऊंगा तुम आके मुझे संभालो लो ना याद आते हो हर रोज मुझे तुम तुम आके गले से लगा लो ना तुम कहते हो एक हैं हम तो अपने जैसा बना दो ना . ...................सूरज

 गलती अगर की है मैंने तो सजा भी मुझे सुना दो ना
मानता हूं दूर हूं तुमसे, तो पीटने के लिए बुला लो ना
इतनी जल्दी रूठोगी तो कैसे मै रह पाऊंगा
सुना है रोए बहुत हो तुम तो थोड़ा मुझे भी रुला दो ना
नींद भरी है आंखों में,सोया नहीं हूं रातों में
रूठी तुम तो बिखर जाऊंगा तुम आके मुझे संभालो लो ना
याद आते हो हर रोज मुझे तुम तुम आके गले से लगा लो ना
तुम कहते हो एक हैं हम तो अपने जैसा बना दो ना

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यादें

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War and Peace याद रहे ये कुरवानी............... उस दिन सोने का समय था,नींद एक सवाल बनकर आयी थी बो रात मुझे याद है,जो काल बनकर आयी थी अनजान थे हर हमले से,आगे बढ़ ही रहे थे हम देश का मान बढ़ाने को हम बढ़ा रहे थे अपने कदम जान की बाज़ी लगा दी हमने बिखर गया था हर कतरा अन्तिम सांस बची थी,निकाल रहे थे उनका दम सपने सजाए थे मैंने भी कि घर अपने जब जाऊंगा इस लॉकडाउन में अपने घर मैं दुल्हन प्यारी लाऊंगा मां के पांव दबाकर के जब मेरे पास वो आयेगी प्यार से हाथ सहलाऊंगा सिर पर जब तक नींद ना आयेगी एक नया घर होगा मेरा,जहां सब आराम फरमाएंगे उस दिन का इंतजार था मुझे, जब सब मिलकर खाना खायेंगे चाह थी बेटी की मुझे, बड़ा भाई भी मेरा कम ना था साथ जब भी बैठते थे, दुनिया में कोई हमसा ना था सारे सपने टूट गए, छूट गया मां का काजल सिर पटक पटक। के रो रही है,जैसे कोई बूढ़ी पागल पिता के आंशू सूख गए है जैसे, उनका सूरज ढल गया देख रहा हूं मैं भी सबकुछ,मेरा शरीर है जल गया देश की सेवा करने को , मैं जब हुआ फ़ौज में भरती आज संगीन पर रखा है माथा मेरा, चूम रहा हूं अपनी धरती .................सूरज

 War and Peace   याद रहे ये कुरवानी...............

उस दिन सोने का समय था,नींद एक सवाल बनकर आयी थी
बो रात मुझे याद है,जो काल बनकर आयी थी
अनजान थे हर हमले से,आगे बढ़ ही रहे थे हम
देश का मान बढ़ाने को हम बढ़ा रहे थे अपने कदम
जान की बाज़ी लगा दी हमने बिखर गया था हर कतरा
अन्तिम सांस बची थी,निकाल रहे थे उनका दम
सपने सजाए थे मैंने भी कि घर अपने जब जाऊंगा 
इस लॉकडाउन में अपने घर मैं दुल्हन प्यारी लाऊंगा 
मां के पांव दबाकर के  जब मेरे पास वो आयेगी
प्यार से हाथ सहलाऊंगा सिर पर जब तक नींद ना आयेगी
एक नया घर होगा मेरा,जहां सब आराम फरमाएंगे
उस दिन का इंतजार था मुझे, जब सब मिलकर खाना खायेंगे
चाह थी बेटी की मुझे, बड़ा भाई भी मेरा कम ना था
साथ जब भी बैठते थे, दुनिया में कोई हमसा ना था
सारे सपने टूट गए, छूट गया मां का काजल 
सिर पटक पटक। के रो रही है,जैसे कोई बूढ़ी पागल
पिता के आंशू सूख गए है जैसे, उनका सूरज ढल गया
देख रहा हूं मैं भी सबकुछ,मेरा शरीर है जल गया
देश की सेवा करने को , मैं जब हुआ फ़ौज में भरती
आज संगीन पर रखा है माथा मेरा, चूम रहा हूं अपनी धरती

                   .................सूरज

याद रहे ये कुरवानी

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मेरे प्यारे बाबा...... जिंदगी एक रोशनी है जिसे मैं पहचान न पाया जिंदगी एक हंसता हुआ गगन है जिसे मैं जान पाया सुना है कि बचपन में मां बड़ा प्यार करती थी आज उसी के पास जा रहा हूं जिंदगी चलती फिरती मौत है जिसे मैं जान पाया वर्षों बीत गए है मां को देखा नहीं है मैंने पिता के साए में रातें काटी हैं पर सबेरा देखा नहीं है मैंने जिंदगी से तंग हूं सोया नहीं हूं मैं भाग भाग कर थक गया हूं आराम देखा नहीं है मैंने दुनिया भी बड़ी अजीब है बाबा जब चाहे रुला देती है जिंदगी उससे भी अजीब है सुला देती है जानता हूं कि खबर मिलेगी तो रोते हुए आओगे जब मुझे देखोगे तो सोते हुए पाओगे मन में मेरे सबाल है मगर किसी से कहा नहीं जाता जानता हूं कि जबाब नहीं मिलेगा इसलिए अब यहां रहा नहीं जाता जा रहा हूं एक अलग सी दुनिया में अकेला घुट घुट के जी रहा हूं, अब इस दर्द को सहा नहीं जाता लौटूंगा फिर एक नए किरदार में जहां कभी न थमने वाला सफर हो जिंदगी खुलकर जियूंगा जहां हमेशा साथ देने वाला हमसफ़र हो .............सूरज

 मेरे प्यारे बाबा......
जिंदगी एक रोशनी है जिसे मैं पहचान न पाया 
जिंदगी एक हंसता हुआ गगन है जिसे मैं जान  पाया 
सुना है कि बचपन में मां बड़ा प्यार करती थी  आज उसी के पास जा रहा हूं
जिंदगी चलती फिरती मौत है जिसे मैं जान  पाया
वर्षों बीत गए है मां को देखा नहीं है मैंने
पिता के साए में रातें काटी हैं पर सबेरा देखा नहीं है मैंने
जिंदगी से तंग हूं सोया नहीं हूं मैं
भाग भाग कर थक गया हूं  आराम देखा नहीं है मैंने
दुनिया भी बड़ी अजीब है बाबा जब चाहे रुला देती है
जिंदगी उससे भी अजीब है सुला देती है 
जानता हूं कि खबर मिलेगी तो रोते हुए आओगे
जब मुझे देखोगे तो सोते हुए पाओगे
मन में मेरे सबाल है मगर किसी से कहा नहीं जाता 
जानता हूं कि जबाब नहीं मिलेगा इसलिए अब यहां रहा नहीं जाता
जा रहा हूं एक अलग सी दुनिया में अकेला
घुट घुट के जी रहा हूं, अब इस दर्द को सहा नहीं जाता
लौटूंगा फिर एक नए किरदार में जहां कभी न थमने वाला सफर हो
जिंदगी खुलकर जियूंगा जहां हमेशा साथ देने वाला हमसफ़र हो
    
                    .............सूरज

जिंदगी न मिलगी दोबारा

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मैं खुली किताब था पर उसने पड़ नहीं पाया उसे लगा कि मैं उसके हाथ में हूं उसने ठीक पकड़ नहीं पाया। ....................... सूरज

#Our_happiness  मैं खुली किताब था पर उसने पड़ नहीं पाया
उसे लगा  कि मैं उसके हाथ में हूं
उसने ठीक  पकड़ नहीं पाया।


....................... सूरज

मानव के जीवन का सूरज धीरे धीरे ढल रहा है रामायण का सीरियल देखो टीवी पर अब चल रहा है दुनिया तो अब यही सोचती मोदी के सपनों का भारत देखो कैसे जल रहा है ..........................सूरज

 मानव के जीवन का सूरज धीरे धीरे ढल रहा है
रामायण का सीरियल देखो टीवी पर अब चल रहा  है
दुनिया तो अब यही सोचती
मोदी के सपनों का भारत देखो कैसे जल रहा है



..........................सूरज

वैश्विक संकट

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हर सुबह मेरे ख्वाब टूटा करते हैं मेरे जैसे सूरज न जाने कितने डूबा करते हैं ........................................सूरज

#Walk_on_the_way  हर सुबह मेरे ख्वाब टूटा करते हैं
मेरे जैसे सूरज न जाने कितने डूबा करते हैं


........................................सूरज
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