मेरे प्यारे बाबा......
जिंदगी एक रोशनी है जिसे मैं पहचान न पाया
जिंदगी एक हंसता हुआ गगन है जिसे मैं जान पाया
सुना है कि बचपन में मां बड़ा प्यार करती थी आज उसी के पास जा रहा हूं
जिंदगी चलती फिरती मौत है जिसे मैं जान पाया
वर्षों बीत गए है मां को देखा नहीं है मैंने
पिता के साए में रातें काटी हैं पर सबेरा देखा नहीं है मैंने
जिंदगी से तंग हूं सोया नहीं हूं मैं
भाग भाग कर थक गया हूं आराम देखा नहीं है मैंने
दुनिया भी बड़ी अजीब है बाबा जब चाहे रुला देती है
जिंदगी उससे भी अजीब है सुला देती है
जानता हूं कि खबर मिलेगी तो रोते हुए आओगे
जब मुझे देखोगे तो सोते हुए पाओगे
मन में मेरे सबाल है मगर किसी से कहा नहीं जाता
जानता हूं कि जबाब नहीं मिलेगा इसलिए अब यहां रहा नहीं जाता
जा रहा हूं एक अलग सी दुनिया में अकेला
घुट घुट के जी रहा हूं, अब इस दर्द को सहा नहीं जाता
लौटूंगा फिर एक नए किरदार में जहां कभी न थमने वाला सफर हो
जिंदगी खुलकर जियूंगा जहां हमेशा साथ देने वाला हमसफ़र हो
.............सूरज
जिंदगी न मिलगी दोबारा