गलती अगर की है मैंने तो सजा भी मुझे सुना दो ना
मानता हूं दूर हूं तुमसे, तो पीटने के लिए बुला लो ना
इतनी जल्दी रूठोगी तो कैसे मै रह पाऊंगा
सुना है रोए बहुत हो तुम तो थोड़ा मुझे भी रुला दो ना
नींद भरी है आंखों में,सोया नहीं हूं रातों में
रूठी तुम तो बिखर जाऊंगा तुम आके मुझे संभालो लो ना
याद आते हो हर रोज मुझे तुम तुम आके गले से लगा लो ना
तुम कहते हो एक हैं हम तो अपने जैसा बना दो ना
. ...................सूरज
यादें