#MessageOfTheDay यकीनन समझदार नही हूँ मैं,
जब कोई आलोचना करता है मेरी
तब भी मुस्कुरा देती हूँ,
जब अपने गलतियां गिनाते हैं मेरी
तो सहर्ष स्वीकार कर लेती हूँ
लेकिन फर्क समझती हूँ आलोचना
और मूर्खतापूर्ण आलोचना के बीच,
समझती हूँ किस सोच से की गई है आलोचना,
सुधार के लिए या द्वेषवश,
बेशक समझदार नही हूँ मैं
जब होती है, अति तो देती हूँ हाजिरजवाबी
इंसान हूँ मैं
बेदाग नही हूँ
गलतियां हिस्सा हैं मेरी जिंदगी का
अधूरापन पूर्णता है मेरी
,,,
©Ankita Singh
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