Ankita Singh

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तुम पूछोगे अगर एकरोज तो मैं चाहूँगी,,, वो कोना स्मृतियों का... जहाँ फिर से एक रोज मिलो... फिर सुने माथे पर बिंदी लगाओ जैसे पहली बार लगाया था.... याद है वो हल्का सा घूंघट अपने हाँथों से मेरे चेहरे को छिपाया था... रश्मों और रेखाओं से परे एक छोटा सा कोना...... ह्रदय के सबसे करीब.... ©Ankita Singh

 तुम पूछोगे अगर एकरोज
तो मैं चाहूँगी,,,
वो कोना स्मृतियों का...
जहाँ फिर से एक रोज मिलो...
फिर सुने माथे पर बिंदी लगाओ
जैसे पहली बार लगाया था....
याद है वो हल्का सा घूंघट 
अपने हाँथों से मेरे चेहरे को छिपाया था...
रश्मों और रेखाओं से परे 
एक छोटा सा कोना......
ह्रदय के सबसे करीब....

©Ankita Singh

स्मृतियां

5 Love

प्रेम दो लोगों को ही नही जोड़ता,प्रेम जोड़ देता है पूरी दुनियां को मुझे प्रेम में चाहिए तुम्हारी माँ का हमारी माँ हो जाना, उनके घुटनों में दर्द हो तो मैं सहला सकूँ ये अधिकार, हो मुझे कोई पीड़ा तो मैं उन्हें बता सकूँ, मुझे चाहिए तुम्हारी सारी पीड़ाएं, तुम्हारे स्वप्न, तुम्हारे हर रिश्तों का हमारा हो जाना.... ©Ankita Singh

#WorldBloodDonorDay  प्रेम दो लोगों को ही नही जोड़ता,प्रेम जोड़ देता है पूरी दुनियां को
मुझे प्रेम में चाहिए तुम्हारी माँ का हमारी माँ हो जाना,
उनके घुटनों में दर्द हो तो मैं सहला सकूँ ये अधिकार,
हो मुझे कोई पीड़ा तो मैं उन्हें बता सकूँ,
मुझे चाहिए तुम्हारी सारी पीड़ाएं,
तुम्हारे स्वप्न,
तुम्हारे हर रिश्तों का हमारा हो जाना....

©Ankita Singh

उसे लगा सफर जारी है, सफर सपाट रास्ते के उलट नदी से आसमां की तरफ है वो बहुत तेज और बहुत तेज चली उसे स्मरण नही है नदी किनारे सुंदर नाव थी जिसमे जंग लगी लोहे वाली जंजीरों से उसके पैरों को बंधा गया था नदी के उसपर ले जाने के लिए जहाँ आसानी से दफनाए जा सकते हैं स्वप्न और आजादी......... वो तेज चली और मुँह के बल गिरी, उठी तो उसे तैरना आ गया खुद की बेवकूफियों पर हँसना आ गया वो वापस लौटी वहीं जहाँ से चली थी......... और आजाद किया खुद को उस जकड़ से ,जहाँ बंधे थे उसके पाँव इसबार उसे सिर्फ लगा नही "सफर"जारी है सच मे वो सफर ही है ........ चलने ,तैरने और उड़ने का........... ©Ankita Singh

#कविता #Smile  उसे लगा सफर जारी है,
सफर सपाट रास्ते के उलट
नदी से आसमां की तरफ है
वो बहुत तेज और बहुत तेज चली
उसे स्मरण नही है नदी किनारे सुंदर नाव थी
जिसमे जंग लगी लोहे वाली जंजीरों से 
उसके पैरों को बंधा गया था
नदी के उसपर ले जाने के लिए
जहाँ आसानी से दफनाए जा सकते हैं स्वप्न 
और आजादी.........
वो तेज चली और मुँह के बल गिरी, 
उठी तो उसे तैरना आ गया
खुद की बेवकूफियों पर हँसना आ गया
वो वापस लौटी वहीं 
जहाँ से चली थी.........
और आजाद किया खुद को 
उस जकड़ से ,जहाँ बंधे थे उसके पाँव
इसबार उसे सिर्फ लगा नही "सफर"जारी है
सच मे वो सफर ही है  ........
चलने ,तैरने और उड़ने का...........

©Ankita Singh

#Smile

5 Love

#MessageOfTheDay यकीनन समझदार नही हूँ मैं, जब कोई आलोचना करता है मेरी तब भी मुस्कुरा देती हूँ, जब अपने गलतियां गिनाते हैं मेरी तो सहर्ष स्वीकार कर लेती हूँ लेकिन फर्क समझती हूँ आलोचना और मूर्खतापूर्ण आलोचना के बीच, समझती हूँ किस सोच से की गई है आलोचना, सुधार के लिए या द्वेषवश, बेशक समझदार नही हूँ मैं जब होती है, अति तो देती हूँ हाजिरजवाबी इंसान हूँ मैं बेदाग नही हूँ गलतियां हिस्सा हैं मेरी जिंदगी का अधूरापन पूर्णता है मेरी ,,, ©Ankita Singh

#Messageoftheday #विचार  #MessageOfTheDay यकीनन समझदार नही हूँ मैं,
जब कोई आलोचना करता है मेरी
तब भी मुस्कुरा देती हूँ,
जब अपने गलतियां गिनाते हैं मेरी
तो सहर्ष स्वीकार कर लेती हूँ
लेकिन फर्क समझती हूँ आलोचना 
और मूर्खतापूर्ण आलोचना के बीच,
समझती हूँ किस सोच से की गई है आलोचना,
सुधार के लिए या द्वेषवश,
बेशक समझदार नही हूँ मैं
जब होती है, अति तो देती हूँ हाजिरजवाबी
 इंसान हूँ मैं
बेदाग नही हूँ 
गलतियां हिस्सा हैं मेरी जिंदगी का
अधूरापन पूर्णता है मेरी
,,,

©Ankita Singh

समझदार नही हूँ मैं #Messageoftheday

11 Love

मेरे घर के बाहर जो नीम का पेड़ है न उसकी झुकी टहनियाँ भरी दुपहरी में छाँव देती हैं तुम वही छाँव हो....😍✍️ ©Ankita Singh

#stay_home_stay_safe #कविता  मेरे घर के बाहर 
जो नीम का पेड़ है न 
उसकी झुकी टहनियाँ 
भरी दुपहरी में छाँव देती हैं 
तुम वही छाँव हो....😍✍️

©Ankita Singh

छाँव #stay_home_stay_safe

6 Love

प्यार ही तो था, सब सहेजती गयी मन मे, नही कहा तुमसे कभी कुछ, सुलझाती गयी तुम्हारी हर उलझन, जानते हो , लिखी गयी थी तुम्हारे लिए अनगिनत चिट्ठियां पर नही भेजा तुम्हारे पते पर.... ©Ankita Singh

#कविता #Rose  प्यार ही तो था,
सब  सहेजती गयी मन मे,
नही कहा तुमसे कभी कुछ,
सुलझाती गयी तुम्हारी हर उलझन,
जानते हो ,
लिखी गयी थी तुम्हारे लिए
अनगिनत चिट्ठियां 
पर नही भेजा तुम्हारे पते पर....

©Ankita Singh

❤️ #Rose

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