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#सीमटते #कविता  **!!** सिमटते रिश्ते **!!**
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पिता का गोद और मां की ममता,
सिर्फ   रिश्तो  तक सिमट  गई है।
संबंध रिश्तो की अब आग्रह पर टिक गई है।
उत्साह    कहां    अब   रिश्तो   में,
पूज्यनीय  थे  पहले   हम , अब  दौलत  पर  बिक  गई  है।
ईर्ष्या , द्वेष , घमंड  में  चूर,
अपना  हो या पराया , दुनिया बहाना बनाना  सीख गई है।
बचपन का प्यार और खट्टी मीठी यादें,
भाई हो या बहन रिश्तों को तराजू पर तौलना सीख गई है।
बचपन   में   हम    सब    कुछ    भूल   जाते   थे,
आज हम  सभी की  सोच बहुत नीचे  गिर गई है।
विकल्प  अब नहीं  दिखता  रिश्तो की,
आग्रह  भी  अब  भरम  को  छू  गई है।
मर्यादा , परंपरा  सब ताक पर रखकर,
रिश्तो की डोर अब जड़ से हिल गई है।
मैं प्रमोद प्यासा हूं अपनों से रिश्तो का,
बदलते जमाने को देख मेरी नजरें भी झुक गई है।
पिता  का  गोद और मां की ममता,
सिर्फ  रिश्तो   तक  सिमट  गई  है।
***************************
प्रमोद मालाकार की कलम से
23.08.2021
*********************

©pramod malakar

#सीमटते रिश्ते

153 View

#कविता #poem  


Maa

Saath tumhara kitna pyara. 
saup diya hai jiwan sara. 
Tu mithajal mai Paani khara.
Main sithir tu bhati dhara. 
Phir v main teri aankh ka taara.
🙏

©S Priyadarshini

#nojoto #poetry #poem

36 View

#raginisinghrks #nojoto2020 #मीम #माँ #thought  सन्तान कभी अकेले जन्म नहीं लेती
उसके साथ ही जन्म लेती हैं एक माँ
माँ ,वो एक अक्षर का पूर्ण शब्द जो
जो अपने नवजात के लिए 
सम्पूर्ण ब्रम्हांड होती हैं
वो जो स्वयं को परे रख केवल 
अपने सन्तान के लिए जीती हैं
प्रथम गुरु बनकर वो 
अपनी संतान का पथ प्रदर्शित करती हैं
संतान कभी अकेले जन्म नहीं लेती हैं

©Ragini singh rks
 ##My Heart ##

छोड़ देंगे अब तुम्हे हम परेशान करना,
कि लगता है तुम्हे हमारी बातें पसंद नहीं।
छोड़ देंगे तुमसे अब मिलना -जुलना,
कि लगता है तुम्हें हमारी आदतें पसंद नहीं।

वो तो हमने तुम्हें अपना बनाना चाहा था,
किया था भरोसा तुमपर, 
और तेरा भरोसा पाना चाहा था।
कि लगता है तुम्हे हमारा साथ पसंद नहीं,
हमारी नजदीकियां हमारी शरारतें पसंद नहीं।

हमें तो हंसना -हंसाना अच्छा लगता है,
खुश रहना और खुश रखना अच्छा लगता है।
हम आपको चाहें आप हमें चाहें यह अच्छा लगता है।
नही छिपाना कुछ , सबकुछ बताना अच्छा लगता है।

नही पसंद हमे कि हम जबरन आपके हो जाएं
आपको पसंद नहीं तो भी हम आपसे बतलायें,
आप नजरें चुरायें हम से और हम आपके पास आएं,
नही पसंद हमे कि हम आपको हंसाना चाहें, 
और आप  मुंह बनाते जाएं।

तो चलो हम भी आपसे दूरियां बना लेते हैं,
हम आपसे और आप हमसे दूर चले जाते हैं।

©Advocate Gautam kejriwal

#standAlone

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कोरोना:-बचाव ही उपाय है इंसानों की करतूत है यह, टिकाऊ और मजबूत है यह। दुनिया अब इससे पस्त हुआ, फिर भी न बंदोबस्त हुआ।। अब होगा वही जो होना है, संकट का नाम कोरोना है।।1।। ये बीमारी इक महामारी है, जो पूरी दुनिया पर भारी है। न दवा किसी के पास कोई, बचाव ही जनहित जारी है।। हाथों को पल-पल धोना है, संकट का नाम कोरोना है।।2।। तू बस कर-जोर नमस्ते कर, हो सके कहीं का सफर न कर। और रहो दूर अफवाहों से, हर काम को अपने घर से कर।। आराम से घर पर सोना है, संकट का नाम कोरोना है।।3।। -मधुसूदन शुक्ल ©Madhusudan

#stay_home_stay_safe #हॉरर #coronavirus  कोरोना:-बचाव ही उपाय है

इंसानों  की  करतूत  है  यह,
टिकाऊ और मजबूत है यह।
दुनिया अब इससे पस्त हुआ,
फिर भी  न  बंदोबस्त हुआ।।
अब होगा वही  जो होना है,
संकट का नाम  कोरोना है।।1।।

ये बीमारी इक महामारी है,
जो पूरी दुनिया पर भारी है।
न दवा किसी के पास कोई,
बचाव ही जनहित जारी है।।
हाथों को पल-पल धोना है,
संकट का नाम कोरोना है।।2।।

तू बस कर-जोर नमस्ते कर,
हो सके कहीं का सफर न कर।
और रहो  दूर  अफवाहों से,
हर काम को अपने घर से कर।।
आराम से घर पर सोना है,
संकट का नाम कोरोना है।।3।।
              -मधुसूदन शुक्ल

©Madhusudan

बेजुबान राहें थमीं सांसें बेसुकूं दिल आलम बेहाल बेचैन मन आँखें नम कहां जाएं बेसब्र जज़्बात न कोई मेहफिल किस कदर जिएं अब जहान रेगिस्तान बना जब रंगीनियत उजड़ चली काटें है हवा भी.......... ©Anuradha Sharma

#stay_home_stay_safe #yqquotes #oneliner #lockdown  बेजुबान राहें 
थमीं सांसें
बेसुकूं दिल 
आलम बेहाल 
बेचैन मन 
आँखें नम 
कहां जाएं 
बेसब्र जज़्बात 
न कोई मेहफिल 
किस कदर जिएं अब
जहान रेगिस्तान बना जब
रंगीनियत उजड़ चली
काटें है हवा भी..........

©Anuradha Sharma
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