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Biikrmjet Sing

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ਕਿੰਨੀ ਅਜੀਬ ਗੱਲ ਹੈ ਨਾ ਰੱਬ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਸਭ ਕੁਝ ਮੰਗਦੇ ਹਾਂ ਤੇ ਉਸ ਦੀ ਗੱਲ ਤੋਂ ਬੋਰ ਵੀ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ ਤੇ ਜਿਸ ਦੀਆ ਗੱਲਾਂ ਤੋਂ ਤੇ ਜਿਸ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਬੋਰ ਹਾਂ ਉਸ ਤੋਂ ਮੰਗਣ ਦੇ ਅਸੀਂ ਕਿਵੇਂ ਹਕੱਦਾਰ ਹਾਂ।।

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दो प्रकार के योगी होते हैं:- 1. जो दुनिया में राज चाहते हैं, ताकि उन्हें परमात्मा का नामप्रकाश मिल सके और वह नाम उन्हें परमेश्वर प्रकाश तक पहुँचा दे। 2. जो परमेश्वर को चाहते हैं, ताकि उन्हें दुनिया में राजपाठ मिल सके। ©Biikrmjet Sing

#ਭਗਤੀ #Yogi  दो प्रकार के योगी होते हैं:-

1. जो दुनिया में राज चाहते हैं, ताकि उन्हें परमात्मा का नामप्रकाश मिल सके और वह नाम उन्हें परमेश्वर प्रकाश तक पहुँचा दे।


2. जो परमेश्वर को चाहते हैं, ताकि उन्हें दुनिया में राजपाठ मिल सके।

©Biikrmjet Sing

#Yogi ਭਜਨ ਕੀਰਤਨ

11 Love

3 फैक्ट्स जिससे पता चले के शिव जी भांग का नशा नहीं करते:- 1. शिव जी को बोलते हैं देवताओं के मुखिया यानी महादेव जो देवताओं के भी देवता हैं तो अगर देवता वैष्णो है तो देवताओं के मुखिया यानी महादेव वैष्णो क्यों नहीं होंगे।। तो भांग तो एक नशा है।।और नशा करने वाला वैष्णो कैसे हो सकता है।। 2. मान लो शिव जी भांग लेते भी हैं तो आपको पता होगा कि भांग का नशा 3 घंटे में उत्तर जाता है।। पर शिव जी का एक चौंकड़ा कई युगों का है तो क्या शिव जी हर 3 घंटे में नशा दुबारा करेंगे क्या? नहीं ना! क्योंकि उनकी अखंड समाधि होती है प्रकाश रूपी नाम को ध्याने की।। तो इसका मतलब शिव जी भांग नहीं पीते।। 3. शिव जी व अन्य देवता सूक्ष्म रूपी हैं यानी प्रकाश रूप तोह भांग का नशा तो देह को होता है।। जिनका शरीर नहीं उन्हें भांग का नशा कैसे हो सकता है।। इसका मतलब शिव जी को भांग का नहीं प्रकाश रूपी नाम का नशा है ध्यान का नशा है।। भांग प्रतीक है बार बार किसी चीज की लत लगने की तो शिव जी की परमेश्वर के नाम यानी प्रकाश दर्शन की लत लगी थी और है जिसे वह बार बार दोहराते हैं।। आप सब को शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।। ©Biikrmjet Sing

#mahashivratri #ਗਿਆਨ  3 फैक्ट्स जिससे पता चले के शिव जी भांग का नशा नहीं करते:-

1. शिव जी को बोलते हैं देवताओं के मुखिया यानी महादेव जो देवताओं के भी देवता हैं तो अगर देवता वैष्णो है तो देवताओं के मुखिया यानी महादेव वैष्णो क्यों नहीं होंगे।। तो भांग तो एक नशा है।।और नशा करने वाला वैष्णो कैसे हो सकता है।।
2.  मान लो शिव जी भांग लेते भी हैं तो आपको पता होगा कि भांग का नशा 3 घंटे में उत्तर जाता है।। पर शिव जी का एक चौंकड़ा कई युगों का है तो क्या शिव जी हर 3 घंटे में नशा दुबारा करेंगे क्या? नहीं ना! क्योंकि उनकी अखंड समाधि होती है प्रकाश रूपी नाम को ध्याने की।। तो इसका मतलब शिव जी भांग नहीं पीते।।
3. शिव जी व अन्य देवता सूक्ष्म रूपी हैं यानी प्रकाश रूप तोह भांग का नशा तो देह को होता है।। जिनका शरीर नहीं उन्हें भांग का नशा कैसे हो सकता है।।

इसका मतलब शिव जी को भांग का नहीं प्रकाश रूपी नाम का नशा है ध्यान का नशा है।।

भांग प्रतीक है बार बार किसी चीज की लत लगने की तो शिव जी की परमेश्वर के नाम यानी प्रकाश दर्शन की लत लगी थी और है जिसे वह बार बार दोहराते हैं।।

आप सब को शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।।

©Biikrmjet Sing

#mahashivratri Hinduism#bhaang

10 Love

एह मन शक्ति एह मन शिव।। साधु जनों द्वारा परमेश्वर सिखाते हैं कि शरीर में जो हमें श्वास आ रहा यह शक्ति है! और जो नेत्रों में मन ज्योति है वह शिव है।। शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं! ©Biikrmjet Sing

#भक्ति #mahashivratri  एह मन शक्ति एह मन शिव।।

साधु जनों द्वारा परमेश्वर सिखाते हैं कि शरीर में जो हमें श्वास आ रहा यह शक्ति है! और जो नेत्रों में मन ज्योति है वह शिव है।।
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

©Biikrmjet Sing

#mahashivratri हर हर महादेव

12 Love

White अमृत वेला सच नाओ वडीआई विचार।। अर्थ: - अमृत वेला कब होता है जब उस परमात्म ऊर्जा से जुड़ने वाली ध्यान की सच्ची विधि यानी गुर मतलब ध्यान की कला जिससे निराकार प्रकाश को देखा जा सकता, साधु जनों द्वारा ऐसी कला नाम ध्याने की, दी जाती है व उस मालिक के गुणों का वर्णन साधु जन करते! वही समय, (जिस समय यह नाम ध्यान करने की कला साधु जनों द्वारा सिखाई जाती है) व वेला अमृत वेला होता है मन के लिए।। तन के लिए तोह सुबह पांच साढ़े पांच का समय अमृत वेला है पर मन के लिए तोह साधु जनों द्वारा बखान किया नाम ध्याने की कला का वेला ही अमृत वेला है और जब उस मालिक के गुणों की व नाम की विचार होती वह वेला अमृत वेला है।। ©Biikrmjet Sing

#अमृतवेला #भक्ति  White अमृत वेला सच नाओ वडीआई विचार।।

अर्थ: - अमृत वेला कब होता है जब उस परमात्म ऊर्जा से जुड़ने वाली ध्यान की सच्ची विधि यानी गुर मतलब ध्यान की कला जिससे निराकार प्रकाश को देखा जा सकता, साधु जनों द्वारा ऐसी कला नाम ध्याने की, दी जाती है व उस मालिक के गुणों का वर्णन साधु जन करते! वही समय, (जिस समय यह नाम ध्यान करने की कला साधु जनों द्वारा सिखाई जाती है) व वेला अमृत वेला होता है मन के लिए।। तन के लिए तोह सुबह पांच साढ़े पांच का समय अमृत वेला है पर मन के लिए तोह साधु जनों द्वारा बखान किया नाम ध्याने की कला का वेला ही अमृत वेला है और जब उस मालिक के गुणों की व नाम की विचार होती वह वेला अमृत वेला है।।

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#अमृतवेला भक्ति सागर

11 Love

Unsplash ऐसा नाम निरंजन होए।। जे को मन जाने मन कोए।। अर्थ:- वह ब्रह्म प्रकाश जो पूरे स्पेस में है जहां से हमें श्वास आ रहा है! वह नाम रूपी प्रकाश जो कोई भी मैल से रहित है यानी शरीर से रहित है व आकार से रहित है।। उस नाम रूपी प्रकाश को वही मन जान सकता है, जेकर कोई मन ज्योति(जो के नैनो में निवास करती है,सबके!) किसी जागृत मन ज्योति यानी साधु जनों का संग कर ले।। ऐसे साधु जनों के मन का संग जो हमें ब्रह्म प्रकाश से जुड़ने की विधि व सकिल सिखा दे नेत्रों द्वारा एक्कदृष्ट समदृष्ट करने की कला सिखा दे! ऐसे साधु मन की संगत से कोई मन ज्योति उस ब्रह्म प्रकाश नाम को जान सकती है जो प्रकाश पूरे स्पेस में है और मैल रहित है।।🙏🙏 @hum.chakar.gobind.kay page! ©Biikrmjet Sing

#नाम_साधुजन_गुरबाणी #भक्ति  Unsplash ऐसा नाम निरंजन होए।। जे को मन जाने मन कोए।।

अर्थ:- वह ब्रह्म प्रकाश जो पूरे स्पेस में है जहां से हमें श्वास आ रहा है! वह नाम रूपी प्रकाश जो कोई भी मैल से रहित है यानी शरीर से रहित है व आकार से रहित है।। उस नाम रूपी प्रकाश को वही मन जान सकता है, जेकर कोई मन ज्योति(जो के नैनो में निवास करती है,सबके!) किसी जागृत मन ज्योति यानी साधु जनों का संग कर ले।। ऐसे साधु जनों के मन का संग जो हमें ब्रह्म प्रकाश से जुड़ने की विधि व सकिल सिखा दे नेत्रों द्वारा एक्कदृष्ट समदृष्ट करने की कला सिखा दे! ऐसे साधु मन की संगत से कोई मन ज्योति उस ब्रह्म प्रकाश नाम को जान सकती है जो प्रकाश पूरे स्पेस में है और मैल रहित है।।🙏🙏
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#ਭਗਤੀ #jelousy  ਜਿਸੁ ਅੰਦਰਿ ਤਾਤਿ ਪਰਾਈ ਹੋਵੈ ਤਿਸ ਦਾ ਕਦੇ ਨ ਹੋਵੀ ਭਲਾ।। 
ਓਸ ਦੈ ਆਖਿਐ ਕੋਈ ਨ ਲਗੈ ਨਿਤ ਓਜਾੜੀ ਪੂਕਾਰੇ ਖਲਾ।।

#jelousy

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