White सोचते हैं बहुत सोचना आसान है।
दिखाई दे सच, सच भी नादान है।
जो गुज़र गई उसका मलाल नहीं,
जो गुज़र रहा पल वह मेहरबान है।
हर चेहरा जाना पहचाना तो नहीं,
मगर अजनबी भी यहॉं मेहमान है।
किसी की राह में सहारा बन जाना,
अच्छी आदत में कहॉं नुकसान है।
नज़र तो पैनी रखेंगे अपने काम में,
नज़र में आजकल अच्छे इंसान है।
ज्यादा टकटकी न लगाना 'मनीष'
अभी - अभी सफ़र में इम्तिहान है।
©मनीष कुमार पाटीदार
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