दर्द क्या होता है ये तुम क्या जानो
मुहब्बतों को पढ़ते- पढ़ते मैं कातिब हो गया
जब तुमने ठुकराया मुझे, तो सब्र मेरा
हर के मुखातिब हो गया
रख देती जो हाथ कंन्धे पे मेरी
फिर ना कहता तुम्हें
तू क्या थी और मैं क्या हो गया
RIP Sushma Swaraj कश्मीरियों को सुषमा-दी का पैगाम......
खुबसूरत वादियां तेरे दामन बसर कर आए हैं
खूनों से सनी धरती को मेंहदी रंग आए हैं
तोड़ दी हमने "तीन सौ सत्तर" की जंजीरों को
तू रह बसर कर ऐ मेरे........... "हमनवा"
अपनी "ज़िगर" तुझे नज़र कर आए हैं ।
कश्मीरियों को पैगाम......
खुबसूरत वादियां तेरे दामन बसर कर आए हैं
खूनों से सनी धरती को मेंहदी रंग आए हैं
तोड़ दी हमने "तीन सौ सत्तर" की जंजीरों को
तू रह बसर कर ऐ मेरे "हमनवा"
अपनी "ज़िगर" तुझे नज़र कर आये हैं
लभेरिया की फ़ितरत..
आज कल प्यार सिर से उपर बहता जा रहा है
कोई मेरा बाबू, सोना, बूच्चू, बेबी, बुला रहा है
इश्क़ का फ़तूर उतरा तो शायर बन जा रहा है
या बनके कवि, कविता या ग़ज़ल गा रहा है
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