RIP Sushma Swaraj कश्मीरियों को सुषमा-दी का पैगाम......
खुबसूरत वादियां तेरे दामन बसर कर आए हैं
खूनों से सनी धरती को मेंहदी रंग आए हैं
तोड़ दी हमने "तीन सौ सत्तर" की जंजीरों को
तू रह बसर कर ऐ मेरे........... "हमनवा"
अपनी "ज़िगर" तुझे नज़र कर आए हैं ।
अनमोल सपने