Mohammad Arif (WordsOfArif)

Mohammad Arif (WordsOfArif) Lives in Gorakhpur, Uttar Pradesh, India

ऐ जिंदगी हम पर इतने ज़ुल्मों सितम ना कर हम इस जहाँ में बार-बार आने वाले थोड़ी हैं ।। Instagram (@wordsofarif) Twitter (@wordsofarif) What's app No (8542888872) Yourquotes (wordsofarif) Facebook (mohammadarif7777@gmail.com)

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White चारों तरफ शोर अपना वाला चोर है अमीरों को देता है गरीबों को लुटता है ना पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ा आम लोगों के लिए तेल का दाम बढ़ गया खोजती है निगाहें उस आदमी को आज भी जिसने कहा था जब चाहो चौराहे पर बुला लेना कितनी बेशर्मी से झूठ बोलते है आज भी मुलाकात हो जाए तो सच पता चल जाए अभी ना जाने क्या क्या देखने को मिलेंगे हिन्दू मुस्लिम के अलावा देखने को और क्या मिलेंगे डर हमेशा बना रहता है दिल में वतन को लेकर आरिफ ना जाने क्यूं जीना मुश्किल अब लगता है ©Mohammad Arif (WordsOfArif)

#शायरी #Sad_Status  White चारों तरफ शोर अपना वाला चोर है 
अमीरों को देता है गरीबों को लुटता है 

ना पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ा 
आम लोगों के लिए तेल का दाम बढ़ गया

खोजती है निगाहें उस आदमी को आज भी
जिसने कहा था जब चाहो चौराहे पर बुला लेना

कितनी बेशर्मी से झूठ बोलते है आज भी
मुलाकात हो जाए तो सच पता चल जाए

अभी ना जाने क्या क्या देखने को मिलेंगे 
हिन्दू मुस्लिम के अलावा देखने को और क्या मिलेंगे 

डर हमेशा बना रहता है दिल में वतन को लेकर 
आरिफ ना जाने क्यूं जीना मुश्किल अब लगता है

©Mohammad Arif (WordsOfArif)

#Sad_Status Extraterrestrial life शायरी attitude शायरी हिंदी Aaj Ka Panchang

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#चुनाव #L♥️ve #election #Arif937 #India #Quote  White हाथ से हाथ मिलाईये और हालात को बदलिये
हाथ ही आप हालात बदल सकता है
हाथ से हाथ बढ़ाए मिलकर साथ चले
वक्त की यही पुकार है मिलकर साथ चले

इस सड़ी हुई मानसिक बिमारी से बाहर निकलिये
बदलने का वक्त है अपने हालात बदलिये
फिर मौका नहीं मिलेगा मिलकर साथ चले
वक्त की यही पुकार है मिलकर साथ चले

©Mohammad Arif (WordsOfArif)

हाथ से हाथ मिलाईये और हालात को बदलिये हाथ ही आप हालात बदल सकता है हाथ से हाथ बढ़ाए मिलकर साथ चले वक्त की यही पुकार है मिलकर साथ चले इस सड़ी हुई मानसिक बिमारी से बाहर निकलिये बदलने का वक्त है अपने हालात बदलिये फिर मौका नहीं मिलेगा मिलकर साथ चले

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White हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं इतना गुमान है तो काम पर वोट मागों साहेब लोगों को गलत बातें बताते नज़र आ रहें हैं अब दिल भर गया है उनकी झूठी बातें सुनकर आरिफ अपने लोगों को गलत नज़र आ रहें हैं ©Mohammad Arif (WordsOfArif)

#चुनाव #yqquotes #yqhindi #Arif925 #yqlove  White हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं
हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं

इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था
आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं

नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह
जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं

इतना गुमान है तो काम पर वोट मागों साहेब
लोगों को गलत बातें बताते नज़र आ रहें हैं

अब दिल भर गया है उनकी झूठी बातें सुनकर
आरिफ अपने लोगों को गलत नज़र आ रहें हैं

©Mohammad Arif (WordsOfArif)

हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं

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#कविता #Shareef #naat

Naat Shareef #naat #Shareef

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खुदा का ज़िक्र करे ज़िक्रे मुस्तफा न करे हमारे मुंह में हो ऐसी ज़ुबान खुदा न करे صلی اللّٰہ تعالیٰ علیہ واٰلہٖ وسلّم ❣️ ©Mohammad Arif (WordsOfArif)

#ज़िन्दगी  खुदा का ज़िक्र करे ज़िक्रे मुस्तफा न करे
हमारे मुंह में हो ऐसी ज़ुबान खुदा न करे
صلی اللّٰہ تعالیٰ علیہ واٰلہٖ وسلّم
❣️

©Mohammad Arif (WordsOfArif)

खुदा का ज़िक्र करे ज़िक्रे मुस्तफा न करे हमारे मुंह में हो ऐसी ज़ुबान खुदा न करे صلی اللّٰہ تعالیٰ علیہ واٰلہٖ وسلّم ❣️ ©Mohammad Arif (WordsOfArif)

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#शायरी #wordsofarif #urdupoetry #writer #Shayar #Hindi  ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ
अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ

दुशवारियों का सबब बहुत है मगर
मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ

हो सके तो याद हमें भी करना तुम
अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ

दुश्वारिया घेर लिया है मुझे इस कदर
तुझे मैं अपना पुराना प्यार लिख रहा हूँ

तू चाहे तो मिल सकता है मुझसे आरिफ़
क्योंकि मैं तुझे अपना हमसफ़र लिख रहा हू

©Mohammad Arif (WordsOfArif)

ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके तो याद हमें भी करना तुम अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ

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