White हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं
हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं
इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था
आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं
नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह
जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं
इतना गुमान है तो काम पर वोट मागों साहेब
लोगों को गलत बातें बताते नज़र आ रहें हैं
अब दिल भर गया है उनकी झूठी बातें सुनकर
आरिफ अपने लोगों को गलत नज़र आ रहें हैं
©Mohammad Arif (WordsOfArif)
हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं
हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं
इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था
आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं
नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह
जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं