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WRITER POET
White घनघोर तिमिर का नाश करे जले एक दीप ऐसा भी। हर ओर खुशियों का प्रकाश करे जले एक दीप ऐसा भी। सुख समृद्धि और करूणा से अलंकृत हो जीवन पथ, चहुँ ओर लक्ष्मी का वास करे जले एक दीप ऐसा भी। ज्ञानज्योति का विस्तार करे जले एक दीप ऐसा भी। जन जन के स्वप्न साकार करे जले एक दीप ऐसा भी। जीवन पथ की मुश्किलें हो आशाओं की अग्नि में स्वाहा, सर्वजन का सदा कल्याण करे जले एक दीप ऐसा भी। दीपोत्सव के पवित्र पर्व की आप सभी को हृदय तल की असीम गहराइयों से हार्दिक शुभकामनाएँ। माँ लक्ष्मी नमो नमः ब्रह्मानन्द गर्ग भाडली जैसलमेर (शिक्षक व कवि) ©BN GARG
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White सार छंद मधुर मिठी ये भाषा अपनी, शान अपने वतन की। सभी लोग अपनाएं हिन्दी, गौरव जन जीवन की। समय चक्र के फेर में पड़ी,अभिलाषा निज मन की, हम सबका है पुनित दायित्व, रानी हो उपवन की। ब्रह्मानन्द गर्ग सुजल© अध्यापक जैसलमेर। ©BN GARG
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White जहाँ झूठ ना बिक सके ऐसा कोई बाजार नहीं। सत्य का फिलहाल दोस्तों कोई खरीददार नहीं। झूठ ने खड़ी कर ली मजबूत सल्तनत हर ओर, सत्य दर दर भटक रहा किसी को ऐतबार नहीं। क्रमशः सुजल© ©BN GARG
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