Neeraj Neel

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Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel

#कविता  Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी ,
आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी

खिड़कियों में धूप सजती होगी, 
घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी।

अब दूर कहीं नहीं चलना होगा ,
एक सिर पर छत अपना होगा।

हम खुशियां सारी बटोर लाएगे,
हम घर में अपने सपने सजाएंगे।

हम घर में रोज दीप जलाएंगे ,
घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे।

अब चेहरे में एक आराम होगा ,
मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा।  
हा अपना नाम होगा।

✍️ नीरज नील

©Neeraj Neel

poem

9 Love

White खुदा की इबादत करने हूं आया झोली दुआओं से भर के हूं लाया। तेरे रुहदारी मे मिलती है जन्नत मैं वफादारी से मरने हूं आया। आंखों से बहते हैं अश्कों की धारा मैं अपने जख्मों को दिखाने हूं आया। तेरी चौखट से खुलते हैं रास्ते में सारे दरवाजे खट खटके हू आया जब अपनों ने ही कर दिया रुसवा मैं तुझसे रिश्ते बनाने को आया। खुदा की इबादत करने हूं आया झोली दुवाओं से भर के हूं लाया। नीरज नील✍️ ©Neeraj Neel

#विचार #Sad_Status  White खुदा की इबादत करने हूं आया
झोली दुआओं से भर के हूं लाया।

तेरे रुहदारी मे मिलती है जन्नत
मैं वफादारी से मरने हूं आया।

आंखों से बहते हैं अश्कों की धारा
मैं अपने जख्मों को दिखाने हूं आया।

तेरी चौखट से खुलते हैं रास्ते
में सारे दरवाजे खट खटके हू आया

जब अपनों ने ही कर दिया रुसवा
मैं तुझसे रिश्ते बनाने को आया।

खुदा की इबादत करने हूं आया
झोली दुवाओं से भर के हूं लाया। 
 
नीरज नील✍️

©Neeraj Neel

#Sad_Status 'अच्छे विचार'

13 Love

White मां का चेहरा खिल गया एक फूल कोक में खिल गया ,मां की आंखें नम हुई जब बेटी हाथ में मिल गई, बाप की खुशियों का भी कहां ठिकाना था जब उसने बेटी को हाथ में थामा था , मगर दुनिया जालिम बहुत कठोर बेटी को समझे कमजोर, बेटे के चाहत में न जाने कितनों को दिया छोड़। मां तो लेकिन मां होती है बेटी उसकी जां होती है उसे हाथों में लिए उसके लिए दुआ करती है ,बेटी जब बड़ी होती है मां ही तो उसकी गुरु होती है, उसके बालों में तेल लगाती उसे सुंदर कहानी सुनाती ,बेटी तू बढ़ती जाना ऊंची उड़ान उड़ती जाना ,मैं थमी हूं तेरे हाथों को तू पत्थरों से लड़ती जाना, बेटी की जब डोली उठे मां से रिश्ता कभी न टूटे ,मां की आंखों का है ,ये सपना घर रोशन करे तू अपना ।बेटी की भी बस यही आस ,मां का आंचल रहे हमेशा पास। मां बेटी का अभिमान है याद रखो हमेशा, वह दो जिस्म होके भी एक जान है एक जान है। ©Neeraj Neel

#कविता #flowers  White मां का चेहरा खिल गया एक फूल कोक  में खिल गया ,मां की आंखें नम हुई जब बेटी हाथ में मिल गई, बाप की खुशियों का भी कहां ठिकाना था जब उसने बेटी को हाथ में थामा था , मगर दुनिया जालिम बहुत कठोर बेटी को समझे कमजोर, बेटे के चाहत में न जाने कितनों को दिया छोड़। मां तो लेकिन मां होती है बेटी उसकी जां होती है उसे हाथों में लिए उसके लिए दुआ करती है ,बेटी जब बड़ी होती है मां ही तो उसकी गुरु होती है, उसके बालों में तेल लगाती उसे सुंदर कहानी सुनाती ,बेटी तू बढ़ती जाना ऊंची उड़ान उड़ती जाना ,मैं थमी हूं तेरे हाथों को तू पत्थरों से लड़ती जाना, बेटी की जब डोली उठे मां से रिश्ता कभी न टूटे ,मां की आंखों का है ,ये सपना घर रोशन करे तू अपना ।बेटी की भी बस यही आस ,मां का आंचल रहे हमेशा पास। मां बेटी का अभिमान है याद रखो हमेशा, वह दो  जिस्म होके भी एक जान है एक जान है।

©Neeraj Neel

#flowers maa or beti

9 Love

#कविता #sunrisesunset  मैं चाहूं या ना चाहूं मुझे तू चाहता है
मेरे आंखों में बंद है आंसू जिसे तू जानता है।

कल जब मैं गिर गया था ,मेरे पैर लड़खड़ाए 
तूने उंगली यूं थमाई जैसे मां की ममता छाए,
मैं कहूं या ना कहूं तू मेरा दर्द जानता है।
मैं चाहूं या ना चाहूं तू मुझे चाहता है,
मेरे आंखों में है बंद आंसू जिसे तू जानता है।

जब होगा फिर अंधेरा जब रात घिर के आए, तेरे चेहरे का उजाला मुझे रोशनी दिखाएं,
मैं रहूं या ना रहूं मेरी रूह तुझ में रहे
मै चाहू  या ना चाहूं तू मुझे चाहता है,
मेरे आंखों में है बंद आंसू जिसे तू जानता है।

©Neeraj Neel
#प्रेरक #sadstory

#sadstory

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अब थोड़ा सा मैं बदलने लगा हूं। कुछ पुराने गीतों को अब ध्यान से सुनने लगा हू, थोड़ा मैं बदलने लगा हूं। कभी जाता नहीं था मैं बगीचे तक अब फूलों को भी सुनने लगा हू, थोड़ा मैं बदलने लगा हू, सुना है वो जाती है मुंडेर पर, इसलिए रात को हर पहर उठने लगा हूं, थोड़ा में बदलने लगा हूं। बारिश की बूंदे जो कभी बोर लगती थी, अब उन बूंदों के साथ वक्त गुजारने लगा हू, थोड़ा मैं बदलने लगा हूं। कभी उड़ा देता था पैसे दोस्तों पर बेवजह, आप कुछ पैसे छुपा कर किताब में रखने लगा हूं, थोड़ा में बदलने लगा हूं। जो पहले समय को छोड़ देता था पीछे, अब मंजिल का इंतजार करने लगा हू, हां थोड़ा मैं बदलने लगा हू।। ©Neeraj Neel

#लव  अब थोड़ा सा मैं बदलने लगा हूं।
 कुछ पुराने गीतों को अब ध्यान से सुनने लगा हू,
थोड़ा मैं बदलने लगा हूं।
कभी जाता नहीं था मैं बगीचे तक
अब फूलों को भी सुनने लगा हू,
थोड़ा मैं बदलने लगा हू,
सुना है वो जाती है मुंडेर पर,
इसलिए रात को हर पहर उठने लगा हूं,
थोड़ा में बदलने लगा हूं।
बारिश की बूंदे जो कभी बोर लगती थी,
अब उन बूंदों के साथ वक्त गुजारने लगा हू,
थोड़ा मैं बदलने लगा हूं।
कभी उड़ा देता था पैसे दोस्तों पर बेवजह,
आप कुछ पैसे छुपा कर किताब में रखने लगा हूं,
थोड़ा में बदलने लगा हूं।
जो पहले समय को छोड़ देता था पीछे,
अब मंजिल का इंतजार करने लगा हू,
हां थोड़ा मैं बदलने लगा हू।।

©Neeraj Neel

अब मैं बदलने लगा हूं।

11 Love

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