White मां का चेहरा खिल गया एक फूल कोक में खिल गया ,मां की आंखें नम हुई जब बेटी हाथ में मिल गई, बाप की खुशियों का भी कहां ठिकाना था जब उसने बेटी को हाथ में थामा था , मगर दुनिया जालिम बहुत कठोर बेटी को समझे कमजोर, बेटे के चाहत में न जाने कितनों को दिया छोड़। मां तो लेकिन मां होती है बेटी उसकी जां होती है उसे हाथों में लिए उसके लिए दुआ करती है ,बेटी जब बड़ी होती है मां ही तो उसकी गुरु होती है, उसके बालों में तेल लगाती उसे सुंदर कहानी सुनाती ,बेटी तू बढ़ती जाना ऊंची उड़ान उड़ती जाना ,मैं थमी हूं तेरे हाथों को तू पत्थरों से लड़ती जाना, बेटी की जब डोली उठे मां से रिश्ता कभी न टूटे ,मां की आंखों का है ,ये सपना घर रोशन करे तू अपना ।बेटी की भी बस यही आस ,मां का आंचल रहे हमेशा पास। मां बेटी का अभिमान है याद रखो हमेशा, वह दो जिस्म होके भी एक जान है एक जान है।
©Neeraj Neel
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