मैं चाहूं या ना चाहूं मुझे तू चाहता है
मेरे आंखों में बंद है आंसू जिसे तू जानता है।
कल जब मैं गिर गया था ,मेरे पैर लड़खड़ाए
तूने उंगली यूं थमाई जैसे मां की ममता छाए,
मैं कहूं या ना कहूं तू मेरा दर्द जानता है।
मैं चाहूं या ना चाहूं तू मुझे चाहता है,
मेरे आंखों में है बंद आंसू जिसे तू जानता है।
जब होगा फिर अंधेरा जब रात घिर के आए, तेरे चेहरे का उजाला मुझे रोशनी दिखाएं,
मैं रहूं या ना रहूं मेरी रूह तुझ में रहे
मै चाहू या ना चाहूं तू मुझे चाहता है,
मेरे आंखों में है बंद आंसू जिसे तू जानता है।
©Neeraj Neel
#sunrisesunset