English
thokre bhut milegi raho me gir ke uthna seekh par to koi bhi kaat sakta hai hoslo se udna seekh
White सफर मोहब्बत का नाकाम हो गया इस दिल का बहुत नुकसान हो गया अब किसी चीज़ की मेरे पास कोई कमी नहीं मेरे उदास रहने का बहुत सामान हो गया अब किस्से तज़कीरा करे ईमानदारी का यहां तो सार शहर बईमान हो गया उसी ने फायदा उठाया मेरी बेबसी का जो मेरा कभी हमराज हो गया उसने कभी भी पलट कर मनाया ही नही मैं कभी जिससे भी नाराज़ हो गया मैं अपनी हिम्मत से उठ कर बैठ क्या गया लोग समझने लगे तबियत में आराम हो गया आप का इस तरहां का रवैया देख कर मैं सच में बहुत हैरान हो गया ये सिर्फ तसल्ली देने के लिए काफी नही जो होना था वो नुकसान हो गया आप को इस बात से क्या गरज मेरा मोहब्बत में नुक्सान हो गया ©Shoheb alam shayar jaipuri
Shoheb alam shayar jaipuri
13 Love
White ऐ जिंदगी तूभी मज़ाक करती है मज़ा जीने का मेरे खराब करती है कभी मोहब्बत में मुब्तिला करती है मुझे कभी मोहब्बत को मेरे लिए अजाब करती है नजाने क्या चाहती है ये जिंदगी मुझसे नजाने कौन सा मुझसे हिसाब करती है कभी रुलाती है बेपनाह मुझे ये जिंदगी कभी हंसा कर उदास करती है कभी लगाती है लत गुनाहों की फिर जिंदगी बे नक़ाब करती है ऐ जीने वालों जरा होशियार रहो ये जिंदगी जीना हराम करती है सांसे तो देती है ये जिंदगी मुझको फिर उन्हीं सांसों को बेकरार करती है कभी मिलेगी तो पूछूंगा उससे ऐ जिंदगी तू क्यूं मज़ाक करती है ©Shoheb alam shayar jaipuri
14 Love
White आंखों से ख्वाब के रिश्ते नही रहे यानी के मेरा ख़्वाब अधूरा ही रह गया रिश्तों को उम्र भर जो सदा तोड़ता रहा अंजाम ये हुआ के वो अकेला ही रह गया आंखो का मेरी कोई तो अब तजकिरा करो आंखों का मेरे इश्क अधुरा ही रह गया ऐसा नहीं के खत मैं कभी लिख नही सका इंकार जब मिला तो खत अधूरा ही रह गया अंजाम मेरी मोहब्बत का अब देखिए जनाब किताबो में मेरी फूल बस सूखा ही रह गया तोहमत अब उसको दे के भी फायदा है क्या किस्मत का तारा जब मेरी डूबा ही रह गया मोहब्बत का रंग मेरी चढ़ता भी क्यूं भला हर रंग मेरी मोहब्बत जब फीका ही रह गया ©Shoheb alam shayar jaipuri
12 Love
White मेरे घर में तमाम रौनक हो काश आए हवा मदीने की मैं भी देखू वो गुंबदे खजरा काश हाजरी हो वहा कमीने की तब यकीनन शिफा मिलेगी मुझे काश मिले मुझको दवा मदीने की मेरे आका करम इधर भी हो मैं भी देखूं फिज़ा मदीने की मैं हु बीमार एक मुद्दत से मुझको देदो शिफा मदीने की मैं भी महकू तमाम आलम में खुशबू देदो ज़रा पसीने की ©Shoheb alam shayar jaipuri
8 Love
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