Mohan Sardarshahari

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रखता हूं मैं शब्दों की मर्यादा इनकी उम्र है मुझसे ज्यादा।। Date of Birth 18th Jan. Insta mohannathsiddh Joined on July 13 2021

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रुद्राक्ष बेचने वाली लग रही जैसे खुद हो एकमुखी रुद्राक्ष मिडिया को भी यह भ्रम है जैसे वही है कुंभ का अक्ष।। ©Mohan Sardarshahari

#विचार  रुद्राक्ष बेचने वाली लग रही 
जैसे खुद हो एकमुखी रुद्राक्ष 
मिडिया को भी यह भ्रम है
जैसे वही है कुंभ का अक्ष।।

©Mohan Sardarshahari

# Mahakumbh media

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गुलाबी फित्ते लिपटा सफेद गुलाब जैसे बयां करता मिलन की आग तूने बिन सोचे यों ही भेज दिया मैं  किस सूरत में लिखूं जवाब।। ©Mohan Sardarshahari

#शायरी  गुलाबी फित्ते लिपटा सफेद गुलाब 
जैसे बयां करता मिलन की आग
तूने बिन सोचे यों ही भेज दिया
मैं  किस सूरत में लिखूं जवाब।।

©Mohan Sardarshahari

लाल बित्ते सफेद गुलाब

15 Love

जिंदगी के 6 दशक पूरे करने पर आज बहुत सारे दोस्तों, रिश्तेदारों ने शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।उन सभी का तहेदिल से शुक्रिया ।आज से सीनियर सिटीजन का ओहदा भी मिल गया। पीछे मुड़कर देखूं तो एक लंबे सफर में  खो‌ जाता हूं जिसमें अनेकों खाई ,धोरे ,नदियां, पहाड़ और आकाश के मंजर हैं। हजारों लोग स्मृति में पल भर में आ जाते हैं और जीवन चलता- फिरता रिपोर्ताज लगता है । इतने लंबे अरसे में  कई वायरस लगी फाइलें  भी जिंदगी के सोफ्टवेयर  में जमा हुई है। आगे की चुनौती यही है की वायरस वाली फाइलों से सॉफ्टवेयर को बचाकर जिंदगी के हार्डवेयर को क्रियाशील रखा‌ जाये।🙏 ©Mohan Sardarshahari

#विचार  जिंदगी के 6 दशक पूरे करने पर आज बहुत सारे दोस्तों, रिश्तेदारों ने शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।उन सभी का तहेदिल से शुक्रिया ।आज से सीनियर सिटीजन का ओहदा भी मिल गया। पीछे मुड़कर देखूं तो एक लंबे सफर में  खो‌ जाता हूं जिसमें अनेकों खाई ,धोरे ,नदियां, पहाड़ और आकाश के मंजर हैं। हजारों लोग स्मृति में पल भर में आ जाते हैं और जीवन चलता- फिरता रिपोर्ताज लगता है । इतने लंबे अरसे में  कई वायरस लगी फाइलें  भी जिंदगी के सोफ्टवेयर  में जमा हुई है। आगे की चुनौती यही है की वायरस वाली फाइलों से सॉफ्टवेयर को बचाकर जिंदगी के हार्डवेयर को क्रियाशील रखा‌ जाये।🙏

©Mohan Sardarshahari

छ: दशक

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M नहीं यह तेरी चोटी लगती है जिसमें जड़ें हैं हीरों के फूल संदेश तेरा पाकर सुबह -सुबह मैं अपने आदर्श जाता हूं भूल।। ©Mohan Sardarshahari

#शायरी  M नहीं यह तेरी चोटी लगती है 
जिसमें जड़ें हैं हीरों के फूल
संदेश तेरा पाकर सुबह -सुबह
मैं अपने आदर्श जाता हूं भूल।।

©Mohan Sardarshahari

M

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मकर संक्रांति आई तिल तड़क्या,दिन भड़क्या पतंग उड़ाई, डफ ढूंढा फागण के चाव में बिगड़े मुंडा । ©Mohan Sardarshahari

#विचार #makarsankranti  मकर संक्रांति आई
तिल तड़क्या,दिन भड़क्या 
पतंग उड़ाई, डफ ढूंढा
फागण के चाव में बिगड़े मुंडा ।

©Mohan Sardarshahari

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लिखता हूं, अच्छा लगता है और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है । दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं ज्यादा संख्या हो अच्छा है ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं । लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है लिखना मेरी खुराक है प्रशंसक जुड़ना मुराद है मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।। ©Mohan Sardarshahari

#विचार  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लिखता हूं, अच्छा लगता है 
और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं 
कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है 
टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है ।
दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं 
ज्यादा संख्या हो अच्छा है 
ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं 
प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं ।
लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है 
लिखना मेरी खुराक है 
प्रशंसक जुड़ना मुराद है 
मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।।

©Mohan Sardarshahari

# खुराक

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