a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लिखता हूं, | हिंदी विचार

"a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लिखता हूं, अच्छा लगता है और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है । दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं ज्यादा संख्या हो अच्छा है ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं । लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है लिखना मेरी खुराक है प्रशंसक जुड़ना मुराद है मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।। ©Mohan Sardarshahari"

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लिखता हूं, अच्छा लगता है 
और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं 
कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है 
टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है ।
दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं 
ज्यादा संख्या हो अच्छा है 
ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं 
प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं ।
लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है 
लिखना मेरी खुराक है 
प्रशंसक जुड़ना मुराद है 
मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।।

©Mohan Sardarshahari

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लिखता हूं, अच्छा लगता है और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है । दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं ज्यादा संख्या हो अच्छा है ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं । लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है लिखना मेरी खुराक है प्रशंसक जुड़ना मुराद है मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।। ©Mohan Sardarshahari

# खुराक

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