तेरे शहर कभी आऊंगा, पहले उसका पता दे...
तेरे दिल के कोने मे ना सही, तेरी यादो मे तो सहारा दे..
दिल का सच्चा हु मगर इसमें थोड़ी अपनी गवाही दे
पूरी जिंदगी मेरे साथ ना सही, थोड़े दिन की वफाई तो दे..
हजारों घूमते है तेरे आगे पीछे अब मे कहा बेठू वो बता दे
तेरे साथ को भी तरसते है लोग मगर मुझे तेरे हाथो की सजा तो दे..
बता क्या लिखू तेरे बारे मे तू थोड़ी उसकी वजह दे
लिख दू पूरी ग़ज़ल की ख़िताब मगर अपने दिल मे थोड़ी जगह तो दे....
Alka yadav
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