English
#जिल्दसाज़ी में मसरूफ़ हूँ..सब मौलिक लिखता हूँ
https://youtube.com/user/shankscute
Shankar Singh Rai
189 View
90 View
1,082 View
मन उदास हो तो खाने के कई बंडल दूध मुरब्बे अंचार सड़ते हुए कई फल सब एक-एक करके उठते हैं पालती में और जाके खेत होते हैं कचरे की बाल्टी में बजबजाती बू जब कमरे में उतरती है उसकी नजर मुसलसल कचरे पे ठहरती है वो सोचता है आख़िर ऐसी भी क्या वजह है सड़ता है एक जग-ह उसपर भी क्यों ये कचरा कहीं बाल्टी से खुद ही उठकर नही जाता गोया महीनों हो गए ..वो घर नही जाता :/शंकर ©Shankar Singh Rai
12 Love
1,411 View
10,510 View
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here