Shilpi Vikram

Shilpi Vikram Lives in Budaun, Uttar Pradesh, India

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#कोट्स #FathersDay #Missing  Papa!

You are my strength,and thought of my  brain

You are my umbrella in every rain

You are the song which I want to sing

You are the blood which runs in my veins 

You are my first love that I gain

You gave me everything that I need 

What a great father you are !

What a great person you are!

Be a daughter of yours,I always feel grateful

The thought that you are not in this world now

How could I believe as a daughter.

©Shilpi Vikram

#FathersDay #Missing you papa

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क्यों निश्चिंत हो जाते हैं हम सब जब बेटा जन्म लेता है चिंता दुगनी हो जानी चाहिए जब बेटा जन्म लेता है, बेटी के जन्म के साथ ही चिंता उसकी शादी की,उसकी इज्जत की होने लगती है लेकिन वक्त की जरूरत है कि बेटी हो या बेटा, हमें दोनों की ही परवरिश में कुछ जरूरी बातों को शामिल करना चाहिए,महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने में कानून से ज्यादा भूमिका माता पिता की अपने बच्चों से बातचीत और संस्कार निभा सकते हैं।इस कविता में ऐसे ही कुछ विचार लिखे हैं मैंने जो मैं अपने बेटे से उम्मीद करती हूं,अभी वो बहुत छोटा है इन बातों को समझने के लिए लेकिन जब वो बड़ा होगा तो मेरी इस कविता को समझ पाएगा। आज तुम्हारी मां लिखती ये पाती तुमको स्नेह और प्यार से देती दुआएं तुमको अभी बहुत हो छोटे तुम नहीं समझ पाओगे लेकिन जब तुम बड़े होकर दुनियादारी में जाओगे डर है मुझको ना बहकें कभी कदम तुम्हारे कभी अपमान ना करना किसी नारी का यही हैं सदा से दिए गए संस्कार हमारे ना कहना अपशब्द अपने मुख से किसी नारी को देना नज़रों से भी सम्मान सदा हर नारी को कहते हैं सब कि लड़के कभी रोया नहीं करते मैं कहती हूं तुमसे कि लड़के कभी रुलाया नहीं करते डॉक्टर,इंजीनियर,जो चाहे वो बनना लेकिन कभी किसी औरत के आंसुओं की वजह मत बनना यूं तो अपनी परवरिश पर यकीन है मुझको लेकिन डर लगता है बदलते दौर की हवाओं से डर लगता है बुरी संगत के काले सायों से डर लगता है ये दौरे हवाएं तुमको ना बदल दें बुरी संगत के काले साए तुमको ना बदल दें कुछ भी हो अपनी मासूमियत को ना खोने देना परवरिश मां की कभी कलंकित ना होने देना गुरुर हो तुम हमारा,इस गुरुर को ना मिटने देना एक अच्छे इंसान बन राष्ट्र की सेवा करना।। । ।।।। यशस्वी भव ।।।। ©Shilpi Vikram

#चिट्ठी #विचार  क्यों निश्चिंत हो जाते हैं हम सब जब बेटा जन्म लेता है
चिंता दुगनी हो जानी चाहिए जब बेटा जन्म लेता है,
बेटी के जन्म के साथ ही चिंता उसकी शादी की,उसकी इज्जत की होने लगती है लेकिन वक्त की जरूरत है कि बेटी हो या बेटा, हमें दोनों की ही परवरिश में कुछ जरूरी बातों को शामिल करना चाहिए,महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने में कानून से ज्यादा भूमिका माता पिता की अपने बच्चों से बातचीत और संस्कार निभा सकते हैं।इस कविता में ऐसे ही कुछ विचार लिखे हैं मैंने जो मैं अपने बेटे से उम्मीद करती हूं,अभी वो बहुत छोटा है इन बातों को समझने के लिए लेकिन जब वो बड़ा होगा तो मेरी इस कविता को समझ पाएगा।


आज तुम्हारी मां लिखती ये पाती तुमको
स्नेह और प्यार से देती दुआएं तुमको
अभी बहुत हो छोटे तुम नहीं समझ पाओगे
लेकिन जब तुम बड़े होकर दुनियादारी में जाओगे
डर है मुझको ना बहकें कभी कदम तुम्हारे 
कभी अपमान ना करना किसी नारी का 
यही हैं सदा से दिए गए संस्कार हमारे 
ना कहना अपशब्द अपने मुख से किसी नारी को
देना नज़रों से भी सम्मान सदा हर नारी को
कहते हैं सब कि लड़के कभी रोया नहीं करते
मैं कहती हूं तुमसे कि लड़के कभी रुलाया नहीं करते
डॉक्टर,इंजीनियर,जो चाहे वो बनना
लेकिन कभी किसी औरत के आंसुओं की वजह मत बनना
यूं तो अपनी परवरिश पर यकीन है मुझको
लेकिन डर लगता है बदलते दौर की हवाओं से
डर लगता है बुरी संगत के काले सायों से
डर लगता है ये दौरे हवाएं तुमको ना बदल दें
बुरी संगत के काले साए तुमको ना बदल दें
कुछ भी हो अपनी मासूमियत को ना खोने देना
परवरिश मां की कभी कलंकित ना होने देना
गुरुर हो तुम हमारा,इस गुरुर को ना मिटने देना
एक अच्छे इंसान बन राष्ट्र की सेवा करना।।
       ।          ।।।। यशस्वी भव ।।।।

©Shilpi Vikram

जब जुबां पे बात सुकून की आ जाती है करूं पलकें बंद तेरी छवि दिख जाती है ©Shilpi Vikram

#शायरी #सुकून  जब जुबां पे बात सुकून की आ जाती है
करूं पलकें बंद तेरी छवि दिख जाती है

©Shilpi Vikram
#कविता #MorningGossip  दास्तान ए जज़्बात

मां की चिट्ठी आज तुम्हारी मां लिखती ये पाती तुमको स्नेह और प्यार से देती दुआएं तुमको अभी बहुत हो छोटे तुम नहीं समझ पाओगे लेकिन जब तुम बड़े होकर दुनियादारी में जाओगे डर है मुझको ना बहकें कभी कदम तुम्हारे कभी अपमान ना करना किसी नारी का यही हैं सदा से दिए गए संस्कार हमारे ना कहना अपशब्द अपने मुख से किसी नारी को देना नज़रों से भी सम्मान सदा हर नारी को कहते हैं सब कि लड़के कभी रोया नहीं करते मैं कहती हूं तुमसे कि लड़के कभी रुलाया नहीं करते डॉक्टर,इंजीनियर,जो चाहे वो बनना लेकिन कभी किसी औरत के आंसुओं की वजह मत बनना यूं तो अपनी परवरिश पर यकीन है मुझको लेकिन डर लगता है बदलते दौर की हवाओं से डर लगता है बुरी संगत के काले सायों से डर लगता है ये दौरे हवाएं तुमको ना बदल दें बुरी संगत के काले साए तुमको ना बदल दें कुछ भी हो अपनी मासूमियत को ना खोने देना परवरिश मां की कभी कलंकित ना होने देना गुरुर हो तुम हमारा,इस गुरुर को ना मिटने देना एक अच्छे इंसान बन राष्ट्र की सेवा करना।। ।।।। यशस्वी भव ।।।। ©Shilpi Vikram

#कविता #writing  मां की चिट्ठी

आज तुम्हारी मां लिखती ये पाती तुमको
स्नेह और प्यार से देती दुआएं तुमको
अभी बहुत हो छोटे तुम नहीं समझ पाओगे
लेकिन जब तुम बड़े होकर दुनियादारी में जाओगे
डर है मुझको ना बहकें कभी कदम तुम्हारे 
कभी अपमान ना करना किसी नारी का 
यही हैं सदा से दिए गए संस्कार हमारे 
ना कहना अपशब्द अपने मुख से किसी नारी को
देना नज़रों से भी सम्मान सदा हर नारी को
कहते हैं सब कि लड़के कभी रोया नहीं करते
मैं कहती हूं तुमसे कि लड़के कभी रुलाया नहीं करते
डॉक्टर,इंजीनियर,जो चाहे वो बनना
लेकिन कभी किसी औरत के आंसुओं की वजह मत बनना
यूं तो अपनी परवरिश पर यकीन है मुझको
लेकिन डर लगता है बदलते दौर की हवाओं से
डर लगता है बुरी संगत के काले सायों से
डर लगता है ये दौरे हवाएं तुमको ना बदल दें
बुरी संगत के काले साए तुमको ना बदल दें
कुछ भी हो अपनी मासूमियत को ना खोने देना
परवरिश मां की कभी कलंकित ना होने देना
गुरुर हो तुम हमारा,इस गुरुर को ना मिटने देना
एक अच्छे इंसान बन राष्ट्र की सेवा करना।।
         ।।।। यशस्वी भव ।।।।

©Shilpi Vikram

मां की चिट्ठी #writing @Kiran Verma

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#कविता #admiration  बचपन
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