सुरेश अनजान

सुरेश अनजान Lives in Karauli, Rajasthan, India

रचनाकार- भूली बिसरी यादें, (दोहे, गीत, कविता, मुक्तक) - शृंगार और ,हास्य की बोछार

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Unsplash क्या नोजोटो बताएगा पोस्ट शो क्यों नहीं हो रही या पुरानी पोस्ट डिलीट कर दी गई है। जब की हम 4साल से इस पर लिख रहे हैं। ©सुरेश अनजान

#विचार #leafbook  Unsplash क्या नोजोटो बताएगा पोस्ट शो क्यों नहीं हो रही या पुरानी पोस्ट डिलीट कर दी गई है। जब की हम 4साल से इस पर लिख रहे हैं।

©सुरेश अनजान

#leafbook

9 Love

Unsplash रातभर जाग कर पढ़ना पड़ेगा तुम्हें खुद को तैयार करना पड़ेगा तुम्हें जीवन में समस्या बहुत आएगी, उनसे लड़कर आगे बढ़ना पड़ेगा तुम्हें ।। ©सुरेश अनजान

#मोटिवेशनल #Book  Unsplash रातभर जाग कर पढ़ना पड़ेगा तुम्हें 
खुद को तैयार करना पड़ेगा तुम्हें 
जीवन में समस्या बहुत आएगी,
उनसे लड़कर आगे बढ़ना पड़ेगा तुम्हें ।।

©सुरेश अनजान

#Book @Srashti kakodiya.. @Arpita+ve soul @Anjna Agrawal unnti singh Shilpa Yadav

18 Love

Unsplash दूर रहकर भी वो मन मीत हो गए लफ्ज़ उसके मेरे प्रेम गीत हो गए पास आए वो और दिल मेरा ले गए, मानो तब से ही मेरे दिल जीत हो गए। ©सुरेश अनजान

#शायरी #traveling  Unsplash दूर रहकर भी वो मन मीत हो गए 
लफ्ज़ उसके मेरे प्रेम गीत हो गए 
पास आए वो और दिल मेरा ले गए,
मानो तब से ही मेरे दिल जीत हो गए।

©सुरेश अनजान

#traveling @Aditi Agrawal @Arpita+ve soul @Anjna Agrawal Dr Garima tyagi(अक्षरश : हिंदी साहित्य dg) Swati kashyap

15 Love

Unsplash उसका फूल सा चेहरा सदा हमें याद रहता है। उसका प्यार का वादा उसे कब याद रहता है। वो अब भूल कर बन गई किसी के ख़्वाब की रानी, भेजा प्रेम का खत पहला अभी भी हमारे पास रहता है।। ©सुरेश अनजान

#शायरी #lovelife  Unsplash उसका फूल सा चेहरा सदा 
हमें याद रहता है।
उसका प्यार का वादा उसे 
कब याद रहता है।
वो अब भूल कर बन गई 
किसी के ख़्वाब की रानी,
भेजा प्रेम का खत पहला अभी 
भी हमारे पास रहता है।।

©सुरेश अनजान

Unsplash यदि दुनिया में अपनी पहचान बनाए रखनी है तो पुस्तकों से दोस्ती करें। ©सुरेश अनजान

#कोट्स #Book  Unsplash यदि दुनिया में अपनी पहचान बनाए रखनी है तो पुस्तकों से दोस्ती करें।

©सुरेश अनजान

White दोहा मानवता मरने लगी, छल का बढ़ता शोर । आदर्श बेखबर हुए, आभासी का दौर।। ©सुरेश अनजान

#विचार  White  
दोहा
मानवता मरने लगी, छल का बढ़ता शोर ।
आदर्श बेखबर हुए, आभासी का दौर।।

©सुरेश अनजान

आज का विचार Anjali Maurya Medha Bhardwaj Chanchal's poetry Anjna Agrawal Aditi Agrawal @Srashti kakodiya.. @Anshu writer @indu singh Swati kashyap @Adv. saras shivanujaa

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