नि:शब्द अमित शर्मा

नि:शब्द अमित शर्मा Lives in Delhi, Delhi, India

शब्दों से दिल के भाव प्रकट करता हूँ फिर भी निःशब्द हूँ..।।

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दांस्तान- ए - सफर क्या बताएं तुमको मंजिल की ख़बर नहीं मगर चलना मंजिल तक है !! ©नि:शब्द अमित शर्मा

#शायरी  दांस्तान- ए - सफर क्या बताएं तुमको

मंजिल की ख़बर नहीं मगर चलना मंजिल तक है !!

©नि:शब्द अमित शर्मा

#Nojoto

15 Love

#विचार #nojohindi  
घर से ' बुजुर्ग ' क्या गए  
 पुराना ज़माना चला गया 

धीरज, धर्म , प्रेम - प्यार का
 वो सुनहरा खज़ाना चला गया 

समय की रेत कब तक मुठ्ठी में रुकी है किसी के

इसलिए, शायर ने सच की कहा है की ...

" ज़माने पर भरोसा करने वालो 
भरोसे का ज़माना चला गया "

©नि:शब्द अमित शर्मा

#nojohindi

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#5LinePoetry कुछ इस तरह से अपनी " भावनाएं " लिख देता हूं शब्द कम लिखता हूं गहरे " भावार्थ " लिख देता हूं लोग जिस वर्तमान को सिर्फ जीतें है महज़, मैं " कवि " हूं साहब ... मैं उसी वर्तमान को पढ़ता पढ़ता भविष्य का इतिहास लिख देता हूं ।। ©नि:शब्द अमित शर्मा

#कविता #5LinePoetry  #5LinePoetry कुछ इस तरह से अपनी
" भावनाएं " लिख देता हूं 

शब्द कम लिखता हूं 
गहरे " भावार्थ " लिख देता हूं

लोग जिस वर्तमान को सिर्फ जीतें है महज़,

मैं " कवि " हूं साहब ...

मैं उसी वर्तमान को पढ़ता पढ़ता 
भविष्य का इतिहास लिख देता हूं ।।

©नि:शब्द अमित शर्मा

#5LinePoetry

13 Love

#बटवारा #विचार  बड़ो की झूठी तक़रार ने 
घर में दीवार खींच दी,

कभी आँगन तो कभी मैं,
उनकी होशियारी को देखता हूँ

©नि:शब्द अमित शर्मा

शिकायतों की भी एक " उम्र " होती है और एक " उम्र " के बाद शिकायतें नही होती..!! ©नि:शब्द अमित शर्मा

#विचार #Dark  शिकायतों की भी एक " उम्र " होती है

और 

एक " उम्र " के बाद शिकायतें नही होती..!!

©नि:शब्द अमित शर्मा

#Dark

13 Love

#ज़िन्दगी #alone  

कल तक, दलीलें देता रहा वो मुझ को 
खुद के सही होने की ,

इक रोज पहले ही जिसने कसम
खाई थी मुझे डूबोने की ,

यहां हर एक का अपना स्वार्थ है, नि:शब्द

तुझे ये बात क्यूं समझ नही आती , की..??
ये दुनिया नही है अब पुराने लोगो की

©नि:शब्द अमित शर्मा

#alone

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