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सुरजकुमारी गोस्वामी हैद्राबाद ..मराठी मै कविता लिखती हू अनेक पत्रिका मै मराठी कविता प्रशिध्द है मराठी मै एक बुक भी प्रकाशित है अव्यक्त अबोली चारोळी संग्रह ..हिंदी मै लिखने का प्रयास कर रही हू .. महाराष्ट्र मे मयका है हैद्राबाद ससूराल है ..आप सभी सहयोग्य करौगे आशा करती हू ..!!

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आपकी महफ़िल में बैठा नूर पा लूँ, आपकी राहों में अपनी राह बना लूँ। दिल की वीरानी को बख़्शें चाँद जैसे, चुप्पियों के सुर में इक नग़मा सजा लूँ। आपकी आँखों में जो गहराइयाँ हैं, उसमें डूबूँ और ख़ुद को पा लूँ। मेरे सपनों का जहाँ आपसे रौशन, आपकी सूरत को हर तस्वीर बना लूँ। दर्द के हर एक लम्हे को भुलाकर, आपके पहलू में बस कर चैन पा लूँ। जो अधूरी थी ग़ज़ल मेरी सदियों से, आपके नाम से उसे पूरा बना लूँ। ✍️ सुरजकुमारी गोस्वामी हैदराबाद ©surajkumaregoswami

#मराठीशायरी  आपकी महफ़िल में बैठा नूर पा लूँ,
आपकी राहों में अपनी राह बना लूँ।

दिल की वीरानी को बख़्शें चाँद जैसे,
चुप्पियों के सुर में इक नग़मा सजा लूँ।

आपकी आँखों में जो गहराइयाँ हैं,
उसमें डूबूँ और ख़ुद को पा लूँ।

मेरे सपनों का जहाँ आपसे रौशन,
आपकी सूरत को हर तस्वीर बना लूँ।

दर्द के हर एक लम्हे को भुलाकर,
आपके पहलू में बस कर चैन पा लूँ।

जो अधूरी थी ग़ज़ल मेरी सदियों से,
आपके नाम से उसे पूरा बना लूँ।

✍️ सुरजकुमारी गोस्वामी हैदराबाद

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आपकी महफ़िल में बैठा नूर पा लूँ, आपकी राहों में अपनी राह बना लूँ। दिल की वीरानी को बख़्शें चाँद जैसे, चुप्पियों के सुर में इक नग़मा सजा लूँ। आपकी आँखों में जो गहराइयाँ हैं, उसमें डूबूँ और ख़ुद को पा लूँ। मेरे सपनों का जहाँ आपसे रौशन, आपकी सूरत को हर तस्वीर बना लूँ। दर्द के हर एक लम्हे को भुलाकर, आपके पहलू में बस कर चैन पा लूँ। जो अधूरी थी ग़ज़ल मेरी सदियों से, आपके नाम से उसे पूरा बना लूँ। ✍️ सुरजकुमारी गोस्वामी हैदराबाद ©surajkumaregoswami

20 Love

साडी बाई सलोखा गोड सुंदर दिसे साडीत नार। वेड असतेच स्रीला तीचे रूपरेखा ती खुलविते फार। गजरा माळुनी केसांमध्ये नजर वेधते सर्वां जसे। सौंदर्याची तीच ओळख आहे साडीत रूप तिचं फुलते खरे। साडी नेसता सौंदर्य खुलते, सोप्या रुपात ती दिसे मोहक। सरळसोट पण शालीन तेज, रूप तिचं भासे लोभस सहज। रंग ओढतो मनास तिच्या पदर वाऱ्याशी खेळतसे। जिथे जाईल तिथेच सृष्टी तिच्या साडीत रंग भरतसे। ©surajkumaregoswami

#मराठीकविता  साडी बाई सलोखा गोड
सुंदर दिसे साडीत नार।
वेड असतेच स्रीला तीचे
रूपरेखा ती खुलविते फार।

गजरा माळुनी केसांमध्ये
नजर वेधते सर्वां जसे।
सौंदर्याची तीच ओळख आहे
साडीत रूप तिचं फुलते खरे।


साडी नेसता सौंदर्य खुलते,
सोप्या रुपात ती दिसे मोहक।
सरळसोट पण शालीन तेज,
रूप तिचं भासे लोभस सहज।


रंग ओढतो मनास तिच्या
पदर वाऱ्याशी खेळतसे।
जिथे जाईल तिथेच सृष्टी
तिच्या साडीत रंग भरतसे।

©surajkumaregoswami

साडी बाई सलोखा गोड सुंदर दिसे साडीत नार। वेड असतेच स्रीला तीचे रूपरेखा ती खुलविते फार। गजरा माळुनी केसांमध्ये नजर वेधते सर्वां जसे। सौंदर्याची तीच ओळख आहे साडीत रूप तिचं फुलते खरे। साडी नेसता सौंदर्य खुलते, सोप्या रुपात ती दिसे मोहक। सरळसोट पण शालीन तेज, रूप तिचं भासे लोभस सहज। रंग ओढतो मनास तिच्या पदर वाऱ्याशी खेळतसे। जिथे जाईल तिथेच सृष्टी तिच्या साडीत रंग भरतसे। ©surajkumaregoswami

15 Love

--- स्री वो सड़क पर चलती हुई, चौराहे पर खड़ी हुई, वो लड़की, माता, पत्नी, दादी, नानी, भाभी— वो औरत। हर नाम के पीछे खुद को ढालती हुई। सजती, सजाती घर-आंगन, बेटा, बेटी, पति, ससुर, सास— परिवार का ख्याल रखती हुई। भूल जाती है खुद को, हंसती, बिलखती, कभी खिलखिलाती हुई, झरने की तरह बहती हुई वो। बंध गई कहीं बंधनों में, खुद को भुलाकर, खामोश परिंदे की तरह। क्यों चुप है वो? एक चौक में खड़ी मूर्ति की तरह बस सहती है, पीती है सारे ग़म। ©surajkumaregoswami

#मराठीप्रेरक  --- स्री

वो सड़क पर चलती हुई,
चौराहे पर खड़ी हुई,
वो लड़की, माता, पत्नी,
दादी, नानी, भाभी—
वो औरत।

हर नाम के पीछे
खुद को ढालती हुई।

सजती, सजाती घर-आंगन,
बेटा, बेटी, पति, ससुर, सास—
परिवार का ख्याल रखती हुई।

भूल जाती है खुद को,
हंसती, बिलखती,
कभी खिलखिलाती हुई,
झरने की तरह
बहती हुई वो।

बंध गई कहीं बंधनों में,
खुद को भुलाकर,
खामोश परिंदे की तरह।

क्यों चुप है वो?
एक चौक में खड़ी मूर्ति
की तरह बस सहती है,
पीती है
सारे ग़म।

©surajkumaregoswami

--- स्री वो सड़क पर चलती हुई, चौराहे पर खड़ी हुई, वो लड़की, माता, पत्नी, दादी, नानी, भाभी— वो औरत। हर नाम के पीछे खुद को ढालती हुई। सजती, सजाती घर-आंगन, बेटा, बेटी, पति, ससुर, सास— परिवार का ख्याल रखती हुई। भूल जाती है खुद को, हंसती, बिलखती, कभी खिलखिलाती हुई, झरने की तरह बहती हुई वो। बंध गई कहीं बंधनों में, खुद को भुलाकर, खामोश परिंदे की तरह। क्यों चुप है वो? एक चौक में खड़ी मूर्ति की तरह बस सहती है, पीती है सारे ग़म। ©surajkumaregoswami

10 Love

White "सुखाच्या शोधात धावती मने, दु:खात हरवले स्वप्नांचे गाणे, जीवनाच्या वाटा कधी कठीण, तरीही आशेने सजवले क्षण." ©surajkumaregoswami

#मराठीविचार #GoodMorning  White 

"सुखाच्या शोधात धावती मने,
दु:खात हरवले स्वप्नांचे गाणे,
जीवनाच्या वाटा कधी कठीण,
तरीही आशेने सजवले क्षण."

©surajkumaregoswami

#GoodMorning

13 Love

झूठ मत..!! "एक झूठ छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। क्यों बनाएँ राज़ ज़िंदगी में? दफ़्न किए हुए झूठ, आज नहीं तो कल बाहर आ ही जाते हैं।" ©surajkumaregoswami

#मराठीविचार  झूठ मत..!!

"एक झूठ छुपाने के लिए
सौ झूठ बोलने पड़ते हैं।
क्यों बनाएँ राज़ ज़िंदगी में?
दफ़्न किए हुए झूठ, आज नहीं तो कल
बाहर आ ही जाते हैं।"

©surajkumaregoswami

झूठ मत..!! "एक झूठ छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। क्यों बनाएँ राज़ ज़िंदगी में? दफ़्न किए हुए झूठ, आज नहीं तो कल बाहर आ ही जाते हैं।" ©surajkumaregoswami

11 Love

"ओठांवर शब्द नित्य ठेवावेत" नेहमीच गोड "बोलणारे बोलतात पुढेमागे घ्यायचा नाही आपण लोड" - ©surajkumaregoswami

#मराठीविचार  "ओठांवर शब्द नित्य
 ठेवावेत"  नेहमीच  गोड 


 "बोलणारे बोलतात पुढेमागे 
घ्यायचा नाही आपण लोड" -

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"ओठांवर शब्द नित्य ठेवावेत" नेहमीच गोड "बोलणारे बोलतात पुढेमागे घ्यायचा नाही आपण लोड" - ©surajkumaregoswami

9 Love

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