Anand

Anand Lives in Allahabad, Uttar Pradesh, India

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White सब बयां कर रहें ऐन को चूमते मोती हैं हिज़्र की दास्तां से भरी माह ए सितमगर थरथराते होंठ की ये कंपकपाती सिसकियां चाहती हैं लौटकर न आए दिसंबर _आnand . ©Anand

#कविता #love_shayari  White सब बयां कर रहें ऐन को चूमते मोती
हैं हिज़्र की दास्तां से भरी माह ए सितमगर
थरथराते होंठ की ये कंपकपाती सिसकियां
चाहती हैं लौटकर न आए दिसंबर

_आnand












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©Anand

#love_shayari

16 Love

White ये जो इंसानों के किरदार हैं..... ये बदलते हैं वक्त के साथ ये किराएदार हैं....!! _आnand . ©Anand

#कविता #Sad_shayri  White ये जो इंसानों के किरदार हैं.....

ये बदलते हैं वक्त के साथ ये किराएदार हैं....!!

_आnand 






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#Sad_shayri

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#शायरी #traintrack  ये जनरल के डिब्बे में सवार लड़के , 
1st एसी में घर लौटने का सपना लिए फिरते हैं ! 

आnand

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#traintrack

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सत्ता के मदहोशी में जब कुर्सी कलंकी हो जाती है चौथा स्तंभ जमीर बेच धृतराष्ट्र सी अंधी हो जाती है कौरवों के कुर्सी से पगड़ी जनता ने जब है बांध लिया फिर क्यों रोते हैं चौराहों पर जब द्रौपदी नंगी हो जाती है साथ पाकर दुर्योधन का प्रबल दुःशासन हो जाना भीष्म विदुर सा न्यायतंत्र का निर्बल मौन हो जाना है बतलाता कृष्ण कोई अब कलियुग में न आयेगा भ्रूण में ही मर जाना "नारी" कली काल में मत आना _आnand . ©Anand

#विचार #Motivational #Shayar #Dream #poem  सत्ता के मदहोशी में जब कुर्सी कलंकी हो जाती है 
चौथा स्तंभ जमीर बेच धृतराष्ट्र सी अंधी हो जाती है 
कौरवों के कुर्सी से पगड़ी जनता ने जब है बांध लिया 
फिर क्यों रोते हैं चौराहों पर जब द्रौपदी नंगी हो जाती है
साथ पाकर दुर्योधन का प्रबल दुःशासन हो जाना 
भीष्म विदुर सा न्यायतंत्र का निर्बल मौन हो जाना 
है बतलाता कृष्ण कोई अब कलियुग में न आयेगा 
भ्रूण में ही मर जाना "नारी" कली काल में मत आना

_आnand






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थे बुलंद हौसले , मंजिल मगर पाया नहीं गया सब कुछ चला गया , फ़क्र का साया नहीं गया सोचे थे हैं घर के केवट सब पार लगाएंगे एक छोटी सी कश्ती भी मगर बनाया नहीं गया ! एक एक करके सारे हाथ छूटते गए जिंदादिली का ऐब मुझसे हारा नहीं गया ! फिर एक दिन हार के खुद को मारने लगे घर का चिराग़ बुझते देख.. मारा नहीं गया , हे राम..! रोक लीजिए मैं हूं यहीं अभी संघर्ष की चाह जब तलक सारा नहीं गया ।। आnand . ©Anand

#विचार #L♥️ve #motivate #romance #Feel  थे बुलंद हौसले , मंजिल मगर पाया नहीं गया 
सब कुछ चला गया , फ़क्र का साया नहीं गया 
सोचे थे हैं घर के केवट सब पार लगाएंगे 
एक छोटी सी कश्ती भी मगर बनाया नहीं गया !
एक एक करके सारे हाथ छूटते गए 
जिंदादिली का ऐब मुझसे हारा नहीं गया !
फिर एक दिन हार के खुद को मारने लगे
घर का चिराग़ बुझते देख.. मारा नहीं गया ,
हे राम..! रोक लीजिए मैं हूं यहीं अभी 
संघर्ष की चाह जब तलक सारा नहीं गया ।।

आnand





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#विचार #I💖nojoto #motavitonal #Emotional #SAD #no  ऐ कज़ा तू है किधर ? आ पास बैठ और बात कर 
है खुदा तो कर सिफारिश , अब न यूं बर्बाद कर 
दर बदर की ठोकरों से मन ये चाहे ऊबकर
ऐ " कलम " सब तोड़ बंधन अब मुझे आजाद कर

आnand

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