Rajani Mundhra

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White "तीजणियों की धरती " सोलह श्रृंगार के अखंड दीप का कजरी के उस अरज गीत का मंगल भोर सिन्दुरी से दिनकर बना है साक्ष तीजणियों की धरती पर फिर मंद पड़ा है ताप।। हे!चंद्रमा जल्दी आना सुनो!चंद्रमा जल्दी आना बाकी तुम्हारी इच्छा है राह निहारे कुमकुम बिन्दी मेरी सतत् प्रतीक्षा है पर कहीं मेघों का कर करतल स्वागत मत लेना धीरज नाप तीजणियों की धरती पर फिर मंद पड़ा है ताप।। दर्पण मेरा अचल रहे बस जैसें तुम्हारा तेज रहे बस गूँथा प्रतिपल अन्तरशाला में यहीं हार मनुहार वर्णित तेरी महिमाओं का छलकाओं मृदु धार गगन नयन को स्वीकृत हो यह अर्पण अक्षत जाप तीजणियों की धरती पर फिर मंद पड़ा है ताप। ©Rajani Mundhra

#love_shayari  White "तीजणियों की धरती "

सोलह श्रृंगार के अखंड दीप का
कजरी के उस अरज गीत का 
मंगल भोर सिन्दुरी से 
दिनकर बना है साक्ष
तीजणियों की धरती पर फिर
मंद पड़ा है ताप।।

हे!चंद्रमा जल्दी आना
सुनो!चंद्रमा जल्दी आना
बाकी तुम्हारी इच्छा है
राह निहारे कुमकुम बिन्दी
मेरी सतत् प्रतीक्षा है
पर कहीं मेघों का 
कर करतल स्वागत 
मत लेना धीरज नाप
तीजणियों की धरती पर फिर
मंद पड़ा है ताप।।

दर्पण मेरा अचल रहे बस
जैसें तुम्हारा तेज रहे बस
गूँथा प्रतिपल अन्तरशाला में
यहीं हार मनुहार
वर्णित तेरी महिमाओं का
छलकाओं मृदु धार
 गगन नयन को स्वीकृत हो
यह अर्पण अक्षत जाप
तीजणियों की धरती पर फिर
मंद पड़ा है ताप।

©Rajani Mundhra

जोग से मिले या संजोग से मिले साथ बहुत ही अच्छा है ओस ने आलिंगित किया पारिजात को थामा हाथ बहुत ही अच्छा है जीवन के इस मधुर राग का ताल रहे विलम्बित यही हैं शुभकामना जो बीता जो आएगा सर्दी बरखा ताप बहुत ही अच्छा है।। ©Rajani Mundhra

#Blossom  जोग से मिले या संजोग से मिले साथ बहुत ही अच्छा है
ओस ने आलिंगित किया पारिजात को थामा हाथ बहुत ही अच्छा है
जीवन के इस मधुर राग का ताल रहे विलम्बित यही हैं शुभकामना
जो बीता जो आएगा सर्दी बरखा ताप  बहुत ही अच्छा है।।

©Rajani Mundhra

#Blossom

15 Love

लड़खड़ा जाऊँ तो उठाने को झुकती नहीं क्या ए ज़िंदगी झंझावातों से तू थकती नहीं क्या अरे रुक जा तू भी तो अपनी ही हैं ना आखिर देख मासूम का दुःख भी तेरी दुखती नहीं क्या ©Rajani Mundhra

#Path  लड़खड़ा जाऊँ तो उठाने को झुकती नहीं क्या 
ए ज़िंदगी झंझावातों से तू थकती नहीं क्या 
अरे रुक जा तू भी तो अपनी ही हैं ना आखिर 
देख मासूम का दुःख भी तेरी दुखती नहीं क्या

©Rajani Mundhra

#Path

10 Love

हकीकत है मेरे पास मेरे ही ख़्वाब की हो गयी है बात सच वो इश्क़ के किताब की महक रहा है मेरे जीवन का हर इक पल अब तारीफ़ क्या करूँ मेरे ही गुलाब की ।। ©Rajani Mundhra

#HappyRoseDay  हकीकत है मेरे पास मेरे ही  ख़्वाब की
हो गयी है बात सच वो इश्क़ के किताब की 
 महक रहा है मेरे जीवन का हर इक पल 
अब तारीफ़ क्या करूँ मेरे ही गुलाब की ।।

©Rajani Mundhra

Year end 2023 ये जाता हुआ साल कुछ छोड़े जाता है जीवन के आँगन में कुछ तोड़े जाता है जीवन के आँगन से और आने वाला साल उम्मीदों के गमले में बो देता है कुछ आशाओं के अंकुर इसबार प्रभु सुनेंगे जरूर तो चलो सहेज ले संदूकों में कुछ यादों के फूल बगुलों भगत को भूलकर चढ़ायें समय की धूल फिर,बारह महीनों के झूले में डरते-हँसते , हँसते-डरते पेंग बढ़ाकर झूलेंगे कोशिश कर के फिर से नई ऊँचाइयों को छू लेंगे और जी लेंगे ज़िंदादिली से फिर एक साल ©Rajani Mundhra

#YearEnd  Year end 2023 ये जाता हुआ साल
कुछ छोड़े जाता है
जीवन के आँगन में
कुछ तोड़े जाता है
जीवन के आँगन से
और आने वाला साल
उम्मीदों के गमले में बो देता है
कुछ आशाओं के अंकुर
इसबार प्रभु सुनेंगे जरूर 
तो चलो सहेज ले संदूकों में 
कुछ यादों के फूल
बगुलों भगत को भूलकर
चढ़ायें समय की धूल
फिर,बारह महीनों के झूले में
डरते-हँसते , हँसते-डरते
पेंग बढ़ाकर  झूलेंगे
कोशिश कर के फिर से
नई ऊँचाइयों को छू लेंगे
और जी लेंगे ज़िंदादिली से 
फिर एक साल

©Rajani Mundhra

#YearEnd

14 Love

#onenight  ये बादल बरसात क्या पर्वत पहाड़ लाया है
अब ये ठिठुरन कपकपी सर्द हवा का साया है
धूप दूर सैर पर निकली है कहीं और अब ये
बक्से से स्वेटर शॉल मफलर बाहर आया है।।

©Rajani Mundhra

#onenight

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