Meenakshi Raje

Meenakshi Raje Lives in Patna, Bihar, India

Storyteller|| Inquisitive ||

https://youtube.com/@meenakshiraje7075

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#PacifyingWords #RASHMIRATHI #audio  'रश्मिरथी'
(द्वितीय सर्ग)
#शायरी  आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो 

नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है 

-जाँ निसार अख़्तर

©Meenakshi Raje

आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है -जाँ निसार अख़्तर ©Meenakshi Raje

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#विचार #flowers  मुहब्बत में जो बगैर लाभ-हानि के जुड़े होते हैं न 
उनके दिल में एक छोटे बच्चे की तरबियत हो रही होती है।
वह मासूम अहसास बस ख्वाब सजाता है, लड़ता-झगड़ता है,
 रूठता-मनाता है पर,
उसे तोड़ जाने का ख़्याल भी लाना मुनासिब नहीं समझता।
वक़्त की रौ में बेसाख़्ता बस बहता चला जाता है।
उसे ख़्याल नहीं होता सही-गलत का।
उसे तो बस किसी कीमत पर,
थोड़ी सी भी उलझी डोर को सुलझाना होता है।
सब सही करना होता है।
उसे जब तोड़ दिया जाता है,
 तो वो चीखता है चिल्लाता है।
पर सिवा टूटने के क्या हाथ आएगा उसके।
कभी तोहमत तो कभी नसीहत।
बेशक वो आगे बढ़ जाएगा।
अपने लिए कोई न कोई मकाम तो ढूँढ लेगा।
खुश रहने की हज़ार वजह तलाश लेगा।
खूब परिपक्व हो जाएगा।
पर अपने अंदर पल रहे बच्चे का गला घोंट देगा।
उन्हें तो फिर भी कोई अफसोस न होगा।
सौदागर कभी सौदा बुरा नहीं करते।

©Meenakshi Raje

#flowers

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#कविता #flowers  जब अलमारी के ,
पिछले वाले खाने से,
मिलती है एक पसंदीदा किताब,
जो जाने कब से खो गयी थी,
तो अच्छा लगता है ,
उसका यूँ मिल जाना,
तो अच्छा लगता है उसपर से हटाना,
धूल की असंख्य परत,
याद करते हुए जब पहली बार,
उसके आते ही चहक उठा था मन,
जब उसके पन्नों में खोये हुये,
ठंडी हो जाती थी मेरी चाय,!!

©Meenakshi Raje

#flowers

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#कविता #Nature  दिन के प्रथम प्रहर में आ,
जब टेर लगाई कोयल ने!
अंबर, अवनी सब जाग गये,
जब गीत सुनाई कोयल ने!
अलौकिक मृदु स्वर ने जब,
प्रकृति से ऐसे संवाद किया!
जड़- चेतन सब मुग्ध हुये,
जब कूक लगाई कोयल ने!!

©Meenakshi Raje

#Nature

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#विचार  मूक स्नेह परिपक्व होता है और सबसे पक्का रंग लिये।।

©Meenakshi Raje

मूक स्नेह परिपक्व होता है और सबसे पक्का रंग लिये।। ©Meenakshi Raje

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