Kirti Sharma

Kirti Sharma

My name is kirti sharma.i am fond of reading and writing poetry. My refferal code - kirtisharma7455

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#Ladki  vo bachpne se bhari ,
rishto m believe rkhti h ,

apne se zada apno ko chahti h ,
apni fikr  nhi ,unhe apno ki fikr rhti h ,

vo bdi ho jati h , smjhdar bhi ho jati h ,
but bachpna unm hmesha rhta h ..

©Kirti Sharma

#Ladki bchpne se bhari hoti h , uske apne , apne ap se zada priy hote h

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 तुम उड़ते गगन में अच्छे थे,
तुम पीपल पे क्यों अटके थे?
देख के तुमको पिघल गयी मैं,
आंखों से आंसू टपके थे।
उठा गोद में भागी थी,
अग्नि से ताप मेंने मांगी थी।
तुम तडप रहे थे पीडा में,
दिल ने यह बात जानी थी।
खाकर के डांट पिता की ,
मैं तुम्हें छोड़कर भागी थी ‌।
तनिक देर हुई आने में,
तुम चले गए अनजाने में,
तुम्हे देख मैं घबरा गई,
आंखों में आंसू छुपा गई।
उठा हाथों में तुमको मैं,
श्मशान घाट तक ले गयी।
फिर से देख तुमको मैं,
विचलित हो फिर रो पड़ी।।

©Kirti Sharma

##my lovely bird # he is dead some time ,and I regreat,because I lost bagula , it's my mistake.😔😔😭😭

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#my  😍 💞 💞 💖 😍 😘 💗

#my love mumma# #love u maa#

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 मोह में डूबी मैं ऐसी दीवानी ,
जीवन को जीये जा रही ,जीये जा रही ,
आज का पता न ,कल की पूछ ,
कुछ समझ न , अपनी बूझ ,
प्रफुल्लित अपने आप में डूबी ,
जीये जा रही , जीये जा रही ।
नील गगन भी हंस रहा ,
सागर भी तो नाच रहा 
हवा तो झोंके खा रही ,
धुल भी तो साथ रही ,
पर मैं मस्तानी मस्ती से ,
जीये जा रही , जीये जा रही ।
रोना तो मैं भूल गयी ,
माथे की सिकुड़न छूट गयी ,
यादों में खोई,  मैं रब भरोसे,
जीये जा रही ,जीये जा रही ।
शक्ल है, न अक्ल है,
न पीठ पर कोई भार ,
न एहसान ,न आभार ,
एहसासों की दुनिया में,
मैंलथपथ हुई जा रही,
मैं ऐसी बावली,बस 
जीये जा रही , जीये जा रही ।।

©Kirti Sharma

#msti se jivan jio # ##life ek hi bar milti h ,kisi ki fikr kiye Bina apni life enjoy kro .

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##meri Tamanna, meri dost ## ##i love frnds ##

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 kirti sharma

©Kirti Sharma

## love line ## ## kirti sharma ##

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