तुम उड़ते गगन में अच्छे थे,
तुम पीपल पे क्यों अटके
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 तुम उड़ते गगन में अच्छे थे,
तुम पीपल पे क्यों अटके थे?
देख के तुमको पिघल गयी मैं,
आंखों से आंसू टपके थे।
उठा गोद में भागी थी,
अग्नि से ताप मेंने मांगी थी।
तुम तडप रहे थे पीडा में,
दिल ने यह बात जानी थी।
खाकर के डांट पिता की ,
मैं तुम्हें छोड़कर भागी थी ‌।
तनिक देर हुई आने में,
तुम चले गए अनजाने में,
तुम्हे देख मैं घबरा गई,
आंखों में आंसू छुपा गई।
उठा हाथों में तुमको मैं,
श्मशान घाट तक ले गयी।
फिर से देख तुमको मैं,
विचलित हो फिर रो पड़ी।।

©Kirti Sharma

##my lovely bird # he is dead some time ,and I regreat,because I lost bagula , it's my mistake.😔😔😭😭

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