Naveen Pratima

Naveen Pratima

लेखनी अपनी पहचान है , कर्म अपना स्वाभिमान है, अपने सर पे मां बाप का आशीर्वाद हैं, बड़ो का लाड प्यार है, मैं एक सरल स्वभाव की, मेरे पति मेरे मां , बाप के बाद ईश्वर के समान है, जन्म की पूजनीय मांता और संसारिक कर्मों से पूजनीय माता मेरी सासू मां है ।

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#naveenpratima_love #विचार #pratimanaveen #shayri #WoRaat #line  जिन्दगी काँटों से भरा सफर हैं ... 
और हौसला ही इसकी पहचान हैं ।
रास्ते पर तो सभी चलते हैं ... 
मगर जो रास्ते खुद बनाए वही इंसान हैं ।

©Naveen Pratima

#WoRaat जिन्दगी काँटों से भरा सफर हैं ... और हौसला ही इसकी पहचान हैं । रास्ते पर तो सभी चलते हैं ... मगर जो रास्ते खुद बनाए वही इंसान हैं । . . . #shayri #line #love #naveenpratima_love #pratimanaveen

72 View

#ज़िन्दगी #GarajteBaadal  "तुम्हारी माँ पागल है"
रात के 1:30 बजे फोन आता है, बेटा फोन उठाता है तो माँ बोलती है- 
"जन्म दिन मुबारक लल्ला" 
बेटा गुस्सा हो जाता है और माँ से कहता है - 
सुबह फोन करतीं, इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देता है।
थोडी देर बाद पिता का फोन आता है। बेटा पिता पर गुस्सा नहीं करता बल्कि कहता है- सुबह फोन करते
फिर पिता ने कहा - मैनें तुम्हें इसलिए फोन किया है कि "तुम्हारी माँ पागल है" जो तुम्हें इतनी रात को फोन किया। वो तो आज से 25 साल पहले ही पागल हो गई थी। 
जब उसे डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा और उसने मना किया था। वो मरने के लिए तैयार हो गई पर ऑपरेशन नहीं करवाया। 
रात के 1:30 बजे को तुम्हारा जन्म हुआ। शाम 6 बजे से रात 1:30 तक वो प्रसव पीड़ा से परेशान थी। लेकिन तुम्हारा जन्म होते ही वो सारी पीड़ा भूल गयी। उसके ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। 
तुम्हारे जन्म से पहले डॉक्टर ने दस्तखत करवाये थे कि अगर कुछ हो जाये तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। तुम्हे साल में एक दिन फोन किया तो तुम्हारी नींद खराब हो गई.
मुझे तो रोज रात को 25 साल से रात के 1:30 बजे उठाती है और कहती है देखो हमारे लल्ला का जन्म इसी वक्त हुआ था,  बस यही कहने के लिए तुम्हें फोन किया था। इतना कहके पिता फोन रख देते हैं।
बेटा सुन्न हो जाता है। सुबह माँ के घर जाकर माँ के पैर पकड़कर
माफी मांगता है. तब माँ कहती है, देखो जी मेरा लाल आ गया।
फिर पिता से माफी मांगता है तब पिता कहते हैं- आज तक ये कहती थी कि हमें कोई चिन्ता नहीं हमारी चिन्ता करने वाला हमारा लाल है। पर अब तुम चले जाओ मैं तुम्हारी माँ से कहूंगा कि चिन्ता मत करो, मैं तुम्हारा हमेशा की तरह आगे भी ध्यान रखूंगा! 
तब माँ कहती है- माफ कर दो बेटा है।
सब जानते हैं दुनियाँ में एक माँ ही है जिसे जैसा चाहे कहो फिर भी वो गाल पर प्यार से हाथ फेरेगी।पिता अगर तमाचा न मारे तो बेटा सर पर बैठ जाये। इसलिए पिता का सख्त होना भी जरुरी है।
माता पिता को आपकी दौलत नहीं बल्कि आपका प्यार और वक्त चाहिए। उन्हें प्यार दीजिए। माँ की ममता तो अनमोल है।
निवेदन- इसको पढ़कर अगर आँखों में आंसू बहने लगें तो रोकिये मत, बह जाने दीजिये। मन हल्का हो जायेगा! भगवान से बढ़कर माता पिता होते हैं🙏

©Naveen Pratima

#GarajteBaadal "तुम्हारी माँ पागल है" रात के 1:30 बजे फोन आता है, बेटा फोन उठाता है तो माँ बोलती है- "जन्म दिन मुबारक लल्ला" बेटा गुस्सा हो जाता है और माँ से कहता है - सुबह फोन करतीं, इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देता है। थोडी देर बाद पिता का फोन आता है। बेटा पिता पर गुस्सा नहीं करता बल्कि कहता है- सुबह फोन करते फिर पिता ने कहा - मैनें तुम्हें इसलिए फोन किया है कि "तुम्हारी माँ पागल है" जो तुम्हें इतनी रात को फोन किया। वो तो आज से 25 साल पहले ही पागल हो गई थी। जब उसे डॉक्टर न

91 View

#Azamsuniversepoetry #naveenpratima_love #विचार #AzamgarhExpress #pratima_naveen #naveenpratima  जीवन के सफर में संघर्ष बहुत है,
अपनों को खुश रखने के लिए अपने आप का त्याग बहुत है,
चलते हैं हर वक्त हर मोड़ पर , क्योंकि कहीं कोई रूठे ना, कहीं कोई छूटे ना, बस इन्हीं दायरों में जीवन का बंधन संघर्षशील है ।।

©Naveen Pratima
#विचार #naveenpratima #pratimanaveen #Azamgarh #Pandey #n_p_p  बातों के धनी, 
आपको हर मोड़ पे मिलते रहेंगे,
लेकिन आपको कर्तव्य के धनी बहुत कम मिलेंगे, इसलिए जीवन में जो आपके साथ कर्तव्य पथ पर ऐसे मनुष्य मिले तो उनका सदैव आदर और करे।।
जय श्री कृष्णा 🙏

©Naveen Pratima
#विचार #naveenpratima #pratimanaveen #naveenpandit  समय, समय की सब बात हैं, 
समय के कभी दिन बड़े,तो कभी रात बड़े 
समय होत हैं बलवान।।

©Naveen Pratima
#विचार #Azamgarhexprees #naveenpratima #Pratimapandey #Azamgarh #Pandey  छोटे थे तो मां बाप के उंगलियों के सहारे , ज़मीन पर पाव रखना सीखा , थोड़े बड़े हुए तो दादा _ दादी से रिश्ते नाते बढ़ो का सम्मान करना सिखा , समय के परिवर्तन ने और बढ़ती उम्र के सिकंज ने दुनिया दारी के पन्नों को सिखाया,  जब उम्र बढ़ चली सामाजिक रीति रिवाजो के साथ वैवाहिक जीवन में प्रवेश कर, पति के साथ सर्वज्ञ समर्पण कर, उनके उंगलीयो के दामन पकड़  आगे जीवन जीना सीखते है । ।

©Naveen Pratima
Trending Topic