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Saurav Sachan

Saurav Sachan Lives in Lucknow, Uttar Pradesh, India

सागर जैसी आंखों वाली 💝ये तो बता तेरा नाम है क्या ❤️😉🥰

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 White वेदों सी परिष्कृत हो तुम
मेरी मां की पहली स्वीकृति हो तुम !

मेरे प्रेम में परणित छवि हो तुम
मैं काव्य, मेरा कवि हो तुम !

मैं पतझड़ मेरा सावन हो तुम 
मैं दूषित, गंगा सी पावन हो तुम !

मैं रण मेरी जीवन की रणनीति हो तुम
मैं फटा लिबास ,जिसे प्रेम से सीती हो तुम !

मैं घिरता अंधेरा, मंदिर का जलता दिया हो तुम
मैं पुरखों की पूंजी, मेरे घर की हरिप्रिया हो तुम !

थोड़ी अल्हड थोड़ी  पागल हो तुम
दुनियां क्या जाने, क्या हो तुम !
🖊️

©Saurav Sachan

क्या हो तुम? #Thoughts Manzoor Alam Delhi ram singh yadav Rajeev Gupta Internet Jockey pinky masrani

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White तुम बंद कमरे की खिड़की तो खोल सकते हो माना वो चुप है गर तुम तो बोल सकते हो ©Saurav Sachan

#sad_quotes #Quotes  White तुम बंद कमरे की खिड़की तो खोल सकते हो 
माना वो चुप है गर तुम तो बोल सकते हो

©Saurav Sachan

#sad_quotes @Vaishnavi Pardakhe बाबा ब्राऊनबियर्ड PФФJД ЦDΞSHI @Yogenddra Nath Yogi @Mohan raj

13 Love

White आंखों का एक भरम और टूटे गा आंखों के सामने मेरा घर छूटे गा इस शाम जी भर के देखूंगा अपने गांव को मां से गले लग कर थोड़ी सी भर लूंगा उसकी ममता की छांव को छलछलाती आंखे नज़र ना मिलापाएगी इस लिए पहले छू लूंगा पापा के पांव को ©SSsaurav

 White आंखों का एक भरम और टूटे गा
आंखों के सामने मेरा घर छूटे गा

इस शाम जी भर के देखूंगा 
अपने गांव को

मां से गले लग कर थोड़ी सी भर लूंगा
 उसकी ममता की छांव को 

छलछलाती आंखे नज़र ना मिलापाएगी
इस लिए पहले छू लूंगा पापा के पांव को

©SSsaurav

love you daddy बाबा ब्राऊनबियर्ड @Sherni Saad Ahmad ( سعد احمد ) @Arshad Siddiqui @~Ravi

23 Love

White मन को लिखना भी आत्मसमर्पण जैसा है एक नज़र का मिलना भी पुनर्मिलन जैसा है और जो तुम्हें तुम्हारी खामियां बता दें वो प्रियसी,वो दोस्त भी दर्पण जैसा है ! @Saurav Sachan ©Saurav

#Moon  White मन को लिखना भी आत्मसमर्पण जैसा है
एक नज़र का मिलना भी पुनर्मिलन जैसा है
और जो तुम्हें तुम्हारी खामियां बता दें
वो प्रियसी,वो दोस्त भी दर्पण जैसा है !

@Saurav Sachan

©Saurav

#Moon #Nojoto @Sherni @Lamha निज़ाम खान Saad Ahmad ( سعد احمد ) Ayushi Agrawal

21 Love

• मन • मन में भी आंगन होता है, उस आंगन में तुलसी होती है| तुलसी में पल्लव लगते हैं, पल्लव से शीतल छाया होती है| एक विचार लोटे से, लुढ़क लुढ़क कर जाता है| घर का आंगन लोगों से, मन का आंगन ख्वाबों से भरता है| ©Saurav

#achievement  • मन •

मन में भी आंगन होता है,
उस आंगन में तुलसी होती है|
तुलसी में पल्लव लगते हैं,
पल्लव से शीतल छाया होती है|

एक विचार लोटे से,
लुढ़क लुढ़क कर जाता है|
घर का आंगन लोगों से,
मन का आंगन ख्वाबों से भरता है|

©Saurav

#achievement no hagtag

18 Love

#Quotes  तो क्या
नदी सूख जाए गी
तो क्या
दर्द बड़ जाए गा
तो क्या
हम मर जाएं गे
तो क्या

©Saurav

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