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रोम -रोम इसका धुला रक्त शान से। कण -कण इसका भरा है बलिदान से। पोर-पोर इस का भरा है जय गान से। पूछे -पूछ सको तो बूढ़े आसमान से। ©Ritesh Soni
Ritesh Soni
14 Love
White जन्म दायनी से बड़ी एक और माई है। जिसका ललाट हिम गिरी की ऊंचाई है। तटों में अरब भंग हिन्द की गहराई है। बाई ब्रम्ह पुत्र तो सिन्धु की कलाई है। ©Ritesh Soni
9 Love
Unsplash सड़क पर खड़े हुए तो चलना भूल गए। कुर्सी पर बैठे तो उठना भूल गए। तेल हाथ पे लिया मलना भूल गए। दोस्तों गंजे भी इसलिए हुऐ की मेरे सिर के बाल ऊगना भूल गए। ©Ritesh Soni
13 Love
White माँ मुझे शक्ति दे कवि धर्म को निभाऊं में। दर्द में डूबा हुआ तेरा ही गीत गाऊं में दुःख के दिन बीते है, सुख के दिन त्यौहार मना हैं। मंन्दिर जहां बना था पहले मंन्दिर वहीं बना है । ©Ritesh Soni
11 Love
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