Durga Gautam

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लिख लिया करती हू वो बाते जो किसी से कह नही पाती बड़ा हल्का महसूस होता है खुद से खुद को ही बता कर ©Durga Gautam

#विचार  लिख लिया करती हू वो बाते जो किसी से कह नही पाती 
बड़ा हल्का महसूस होता है खुद से खुद को ही बता कर

©Durga Gautam

लिख लिया करती हू वो बाते जो किसी से कह नही पाती बड़ा हल्का महसूस होता है खुद से खुद को ही बता कर ©Durga Gautam

14 Love

::::::::::लोग कहते हैँ कि जब तुम्हारे रोने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता तो क्यों रोते हों....मत रोया करो अब उन्हें कौन समझाये कि रोता कोई किसी को फ़र्क़ पड़वाने के लिए नहीं है... वो तो मन में आये रोष के भार और दुख की सिकुड़न को दूर करने के लिए स्वतः होने वाली एक प्रक्रिया है, जैसे प्रसन्नता अनुभव होने पर हसीं का आना:::::::::: रोने से दर्द कम नही होता लेकिन एक शुकून सा मिल जाता जैसे तेज बारिश के बाद आसमान एक दम साफ़ हो जाता एक ताजगी और ठंडक का अनुभव होता बस वैसा ही महसूस होता.... लोगो को तो बस कहना होता कह देते दर्द आपका है उसे दिल में मत दबाइए उसे बह ने दीजिए .. ✍🏼✍🏼 ©Durga Gautam

#विचार #Parchhai  ::::::::::लोग कहते हैँ कि जब तुम्हारे रोने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता तो क्यों रोते हों....मत रोया करो 
अब उन्हें कौन समझाये कि रोता कोई किसी को फ़र्क़ पड़वाने के लिए नहीं है... वो तो मन में आये रोष के भार और दुख की सिकुड़न को दूर करने के लिए स्वतः होने वाली एक प्रक्रिया है, जैसे प्रसन्नता अनुभव होने पर हसीं का आना::::::::::
रोने से दर्द कम नही होता लेकिन एक शुकून सा मिल जाता जैसे तेज बारिश के बाद आसमान एक दम साफ़ हो जाता एक ताजगी और ठंडक का अनुभव होता
बस वैसा ही महसूस होता....
लोगो को तो बस कहना होता कह देते दर्द आपका है उसे दिल में मत दबाइए उसे बह ने दीजिए ..

 ✍🏼✍🏼

©Durga Gautam

#Parchhai

13 Love

White फूलों ने किसी से नहीं कहा अपने मुरझा जाने का दुख । पेड़ भी कब हुए उदास जब पतझड़ आया और अपने साथ ले गया उनकी सबसे प्यारी चीज़ । उन्होंने प्रतीक्षा की ऋतुओं के बदलने की । क्योंकि वो जानते थे फिर से खिलने के लिए मुरझाना पड़ता है । कुछ पाने के लिए बहुत कुछ जाने देना पड़ता है । ©Durga Gautam

#शायरी #Tulips  White फूलों ने किसी से नहीं कहा
अपने मुरझा जाने का दुख ।

पेड़ भी कब हुए उदास
जब पतझड़ आया
और अपने साथ ले गया
उनकी सबसे प्यारी चीज़ ।

उन्होंने प्रतीक्षा की
ऋतुओं के बदलने की ।

क्योंकि वो जानते थे 
फिर से खिलने के लिए
मुरझाना पड़ता है ।

कुछ पाने के लिए
बहुत कुछ जाने देना पड़ता है ।

©Durga Gautam

#Tulips

14 Love

जितना कम सामान रहेगा उतना सफ़र आसान रहेगा जितनी भारी गठरी होगी उतना तू हैरान रहेगा उस से मिलना ना-मुम्किन है जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा हाथ मिलें और दिल न मिलें ऐसे में नुक़सान रहेगा जब तक मंदिर और मस्जिद हैं मुश्किल में इंसान रहेगा 'नीरज' तू कल यहाँ न होगा उस का गीत विधान रहेगा ©Durga Gautam

#विचार #UskeHaath  जितना कम सामान रहेगा उतना सफ़र आसान रहेगा

जितनी भारी गठरी होगी उतना तू हैरान रहेगा

उस से मिलना ना-मुम्किन है जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा

हाथ मिलें और दिल न मिलें ऐसे में नुक़सान रहेगा

जब तक मंदिर और मस्जिद हैं मुश्किल में इंसान रहेगा

'नीरज' तू कल यहाँ न होगा उस का गीत विधान रहेगा

©Durga Gautam

#UskeHaath

11 Love

White कितना बदल गई हूं मैं जब भी अकेली बैठती हूं और खुद को देखती हूं, तो महसूस होता हैं की कितना बदल गई हूं मैं। एक अजीब सी खामोशी छाई हुई है। अब ना किसी से दोस्ती ना ही किसी चीज़ की उम्मीद करती हूं। अब किसी से उतना ही बात करती हूं जितना सामने वाला करता है। अब बस अकेले रहना और हर वक्त खुद को बिजी रखना पसंद करती हूं सोचती हूं पहले तो नही थी ऐसे, जैसे आजकल हो गई हूं!!!!!!! ©Durga Gautam

#विचार #Sad_Status  White कितना बदल गई हूं मैं

जब भी अकेली बैठती हूं और खुद को देखती हूं, तो महसूस होता हैं की
 कितना बदल गई हूं मैं। एक अजीब सी खामोशी छाई हुई है।
 अब ना किसी से दोस्ती ना ही किसी चीज़ की उम्मीद करती हूं।
अब किसी से उतना ही बात करती हूं जितना सामने वाला करता है। 
अब बस अकेले रहना और हर वक्त खुद को बिजी रखना पसंद करती हूं 
सोचती हूं पहले तो नही थी ऐसे, जैसे आजकल हो गई हूं!!!!!!!

©Durga Gautam

#Sad_Status

16 Love

White जवाब वक़्त देगा ..... सब्र रखिये..क्योंकि हमेशा शब्दों से ज़वाब देना ज़रूरी नहीं होता, हमेशा किसी भी बात पर जूझ जाना सही नहीं होता..आपका मौन..वक़्त आने पर ख़ुद-ब-ख़ुद ज़वाब देगा .... मेरा मौन इसलिए नहीं कि..मैं असहाय, अशक्त हूॅं .... मेरा मौन बस इसलिए है कि ..मैं सुसभ्य, सुसंस्कृत हूॅं .... ©Durga Gautam

#विचार #GoodMorning  White जवाब वक़्त देगा .....
सब्र रखिये..क्योंकि हमेशा शब्दों से ज़वाब देना ज़रूरी नहीं होता, 
हमेशा किसी भी बात पर जूझ जाना सही नहीं होता..आपका मौन..वक़्त आने पर ख़ुद-ब-ख़ुद ज़वाब देगा ....
मेरा मौन इसलिए नहीं कि..मैं असहाय, अशक्त हूॅं ....
मेरा मौन बस इसलिए है कि ..मैं सुसभ्य, सुसंस्कृत हूॅं ....

©Durga Gautam

#GoodMorning

13 Love

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