Manish Kumar gupta

Manish Kumar gupta

अपने कर्म से तकदीर में लिखे कहानियो को बदलने का जुनून है लोग लाख कह ले मेरे मुकद्दर के बारे पर मैंने अपने पिता के संघर्ष से मुकद्दर को बदलते देखा हैं तो कैसे मैं मुकद्दर को बे चमकता छोड़ दूँ क्योंकि मेरे अन्दर मेरे पिता का दौडता खून हैं (8409988805)

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#raksha_bandhan_2024 #कविता  White बहन हमें याद है जब हम पढ़ते थे.
 छोटी छोटी बातों पे कितना लड़ा करते थे !
तेरे जैसा कोई ना मिला ओ मेरी बहना और ना कोई और है,
 मेरी कलाई पे जो बांधती थी मुझे याद आज भी ओ डोर है! 
मैंने कहा था ओ मेरी बहना राखी का  ओ फ़र्ज़ निभाऊंगा,
तुम्हें हर संकट से बचाऊंगा ,
पर तुझे न बचा पाया!
आज वो दिन मुझे फिर याद आया,
कलाई तो अव सुनी पड़ी पर याद तो ,
अवि भी हमें है जब हम पढ़ते थे,
 छोटी छोटी बातों पे कितना लड़ा करते थे! 
 Miss you behna😭😭

©Manish Kumar gupta

#raksha_bandhan_2024 हिंदी कविता rakhi pe kavita

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#raksha_bandhan_2024 #कविता #miss  White बहन हमें याद है जब हम पढ़ते थे.
 छोटी छोटी बातों पे कितना लड़ा करते थे !
तेरे जैसा कोई ना मिला ओ मेरी बहना और ना कोई और है, 
मेरी कलाई पे जो बांधती थी मुझे याद आज भी ओ डोर है! 
मैंने कहा था ओ मेरी बहना राखी का  ओ फ़र्ज़ निभाऊंगा,
तुम्हें हर संकट से बचाऊंगा ,
पर तुझे न बचा पाया!
आज वो दिन मुझे फिर याद आया,
कलाई तो अव सुनी पड़ी पर याद तो ,
अवि भी हमें है जब हम पढ़ते थे,
 छोटी छोटी बातों पे कितना लड़ा करते थे!  
Miss you behna😭😭

©Manish Kumar gupta

#raksha_bandhan_2024 #miss you sister

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रगो में लावा सा जलेगा इस तपन में तू जी सके तो जी ये ख़ुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी इस पे बस दो दिन की बहार है फिर चैन है ना करार है ख़ुद में तू बिखर के जी सके जी ये खुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी दिल की लगी में जख्मों को पैबंद से छिपाना होगा ख़ुद को तू सी सके तो सी ये खुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी सिसकियां दिन ,तड़प शाम , बेख्याली रात का मंजर ख़ुद में तू मर मर के जी सके जी ये खुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी ©Manish Kumar gupta

#dost  रगो में लावा सा जलेगा इस तपन में तू जी सके तो  जी
ये ख़ुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी 

इस पे बस दो दिन की बहार है फिर चैन है ना करार है
ख़ुद में तू बिखर के जी सके जी
ये खुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी

दिल  की लगी में  जख्मों को  पैबंद से छिपाना होगा 
ख़ुद  को   तू  सी   सके तो  सी 
ये खुद की शादी का बंधन है प्यारे ज़रा घुट घुट पी

सिसकियां दिन ,तड़प शाम , बेख्याली रात का मंजर
ख़ुद में तू मर मर के जी सके जी
ये खुद की शादी का बंधन है  प्यारे ज़रा घुट घुट पी

©Manish Kumar gupta

#dost

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छोटा था मुहल्ला मेरा पर पूरा बिग बाजार था उस मुहल्ले में इक पीपल का पेड़ था जिसके आगे ac भी फेल था छोटे छोटे घर था पर हर आदमी बड़ा दिलदार था कोयले के चूल्हे पर पकी कोई भी सब्जि रोटी खा लेता था जिसके आगे नान और शाही पनीर बेकार था मेरे मुहल्ले में घुसते ही इक नीम का पेड़ बड़ा लाजवाब था जिसके गुण के आगे डेटॉल और सिनत्थाल बेकार था छोटा था मुहल्ला मेरा पर पूरा बिग बाजार था ©Manish Kumar gupta

#betrayal  छोटा था मुहल्ला मेरा
 पर पूरा बिग बाजार था

उस मुहल्ले में इक पीपल का पेड़ था 
जिसके आगे ac भी फेल था 

छोटे छोटे घर था 
पर हर आदमी बड़ा दिलदार था 

 कोयले के चूल्हे पर पकी कोई भी सब्जि रोटी खा लेता था 
जिसके आगे नान और शाही पनीर बेकार था 

मेरे मुहल्ले में घुसते ही इक नीम का पेड़ बड़ा लाजवाब था 
जिसके गुण के आगे डेटॉल और सिनत्थाल बेकार था 

छोटा था मुहल्ला मेरा
 पर पूरा बिग बाजार था

©Manish Kumar gupta

#betrayal

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देख आज वो दिन फिर ही आ ही गया बाजार सजी है रंग बिरंगे राखियों से बाबुजी से पैसा लेना उन राखियों के लिए चहक कर,, अब उनके कानों की ये चहक कहीं खोया खोया सा हो गया ,, हम भाइयों का प्यारा तोफा का तोड़ मोल कहीं खोया खोया सा हो गया कलाइया अब सुनी पड़ी है पर बचपन का प्यारा हर वो नोक झोंक आज रुला गया,,, काश तू लौट पाती आज हम भाइयों की कलाइया सज पाती आज,, तेरा वो तोड़ मोल करके जो भाइयों से मिलता था तोफा आज बिना तोड़ मोल के नयनो को मिला है अश्कों का तोफा ,,, रोकर तो सो जाऊँगा आज , पर खुदा से इक शिकवा तो रहेगा कि आखिर तू मेरे आगन की बगिया को क्यूँ सुनसान कर गया इक ही तो चिड़िया थी उस बगिया में तू उसे भी उड़ा ले गया,, miss you बहन😭😭 ©Manish Kumar gupta

 देख आज वो दिन फिर ही आ ही गया 
बाजार सजी है रंग बिरंगे राखियों से 
बाबुजी से पैसा लेना उन राखियों के लिए चहक कर,,
 अब उनके कानों की ये चहक कहीं खोया खोया सा हो गया ,,
हम भाइयों का प्यारा तोफा का तोड़ मोल कहीं खोया खोया सा हो गया 
कलाइया अब सुनी पड़ी है पर 
बचपन का प्यारा हर वो नोक झोंक आज रुला गया,,,
काश तू लौट पाती आज 
हम भाइयों की कलाइया सज पाती आज,,
तेरा वो तोड़ मोल करके जो भाइयों से मिलता था तोफा 
आज बिना तोड़ मोल के नयनो को मिला है अश्कों का तोफा ,,,  
रोकर तो सो जाऊँगा आज ,
पर खुदा 
से इक शिकवा तो रहेगा कि 
आखिर तू मेरे आगन की बगिया को  क्यूँ सुनसान कर गया 
इक ही तो चिड़िया थी उस बगिया में 
तू उसे भी उड़ा ले गया,,

miss you बहन😭😭

©Manish Kumar gupta

miss my memorial sister,,,,

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ऐ जिंदगी तू अभी इतनी धीमी क्यों पर रही हैं अभी तो तेरे पूरे दौर के तिहाई में जो हूं जी लेने तो दो ,,, सीने में दर्द दे तू मौत से मुकम्मल कराना चाहता हैं सांसो को पल भर के लिए थाम कर तू मुझे इस सफर में हराना चाहता हैं,, पर मैं भी थोड़ी जिद्दी हूं तेरे सफर को अधूरा कैसे छोड़ दूँ , मैंने तेरे बिछाये रोड़े पर काट गुजारे है हर पल अब इन रोड़ो को हटा लेने तो दो , अभी तो पूरे दौर के तिहाई में जो हूं जी लेने तो दो ,,,, ऐ जिंदगी अभी तो घोड़े की लगाम ही लगाना सीखा हू थोड़ी रेस में उतरकर घोड़े को दौड़ा लेने तो दो , अभी तो तेरे पूरे दौर के तिहाई में हूं जी लेने तो दो,,, ©Manish Kumar gupta

 ऐ जिंदगी तू अभी इतनी धीमी क्यों पर रही हैं 
अभी तो तेरे पूरे दौर के तिहाई में जो हूं जी लेने तो दो ,,,
 सीने में दर्द दे तू मौत से मुकम्मल कराना चाहता हैं 
सांसो को पल भर के लिए थाम कर 
तू  मुझे इस सफर में हराना चाहता हैं,, 
पर मैं भी थोड़ी जिद्दी हूं तेरे सफर को अधूरा कैसे छोड़ दूँ , 
मैंने  तेरे बिछाये रोड़े पर काट गुजारे है हर पल 
अब इन रोड़ो को हटा लेने तो दो ,
अभी तो पूरे दौर के तिहाई में जो हूं  जी लेने तो दो ,,,,
ऐ जिंदगी अभी तो घोड़े की लगाम ही लगाना  सीखा हू 
थोड़ी रेस में उतरकर घोड़े को दौड़ा लेने तो दो ,
अभी तो तेरे पूरे दौर के तिहाई में हूं जी लेने तो दो,,,

©Manish Kumar gupta

जिंदगी,,,

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