देख आज वो दिन फिर ही आ ही गया
बाजार सजी है रंग बिरंगे राखियों से
बाबुजी से पैसा लेना उन राखियों के लिए चहक कर,,
अब उनके कानों की ये चहक कहीं खोया खोया सा हो गया ,,
हम भाइयों का प्यारा तोफा का तोड़ मोल कहीं खोया खोया सा हो गया
कलाइया अब सुनी पड़ी है पर
बचपन का प्यारा हर वो नोक झोंक आज रुला गया,,,
काश तू लौट पाती आज
हम भाइयों की कलाइया सज पाती आज,,
तेरा वो तोड़ मोल करके जो भाइयों से मिलता था तोफा
आज बिना तोड़ मोल के नयनो को मिला है अश्कों का तोफा ,,,
रोकर तो सो जाऊँगा आज ,
पर खुदा
से इक शिकवा तो रहेगा कि
आखिर तू मेरे आगन की बगिया को क्यूँ सुनसान कर गया
इक ही तो चिड़िया थी उस बगिया में
तू उसे भी उड़ा ले गया,,
miss you बहन😭😭
©Manish Kumar gupta
miss my memorial sister,,,,