योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

तेरा इश्क एक कर्ज़ था , उसे उतार दिया इस जिन्दगी को हमने , तेरे नाम पर गुजार दिया *ये कविता ही मेरी आवाज है a writer, poet, shayar,

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White जब जब मैं टूटा , तो मैखाने मेरे साथ से अपनो से साथ छोड़ा, तो बेगाने मेरे साथ थे ये कमबख्त आंखे ,जब भी थोड़ी नम हुई एक कलम और कुछ अफसाने, मेरे साथ थे ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#sad_qoute  White जब जब मैं टूटा , तो मैखाने मेरे साथ से
अपनो से साथ छोड़ा, तो बेगाने मेरे साथ थे
ये कमबख्त आंखे ,जब भी थोड़ी नम हुई 
एक कलम और कुछ अफसाने, मेरे साथ थे

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#sad_qoute

16 Love

White जीती थी हर जंग, एक अहिंसा से न डर, न फिकर, न गुजरे किसी शंका से ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#gandhi_jayanti  White जीती थी हर जंग, एक अहिंसा से 
न डर, न फिकर, न गुजरे किसी शंका से

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

White जीवन भर पानी में, डूबने से डरता रहा एक दिन पानी में गिरा, तो बस बहता रहा ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#sad_qoute  White जीवन भर पानी में, डूबने से डरता रहा 
एक दिन पानी में गिरा, तो बस बहता रहा

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#sad_qoute

18 Love

White कि इतनी बार गिरे , कि अब गिरने से डरता नही कोई कितना भी उकसाए, अब मैं कुछ करता नही बस सोच बड़ी कर ली, ख़ुद को कुछ बदलना पड़ा कि कमजोर सा था मुझमें, उससे लड़ना पड़ा ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#gandhi_jayanti  White कि इतनी बार गिरे , कि अब गिरने से डरता नही
कोई कितना भी उकसाए, अब मैं कुछ करता नही
बस सोच बड़ी कर ली, ख़ुद को कुछ बदलना पड़ा 
कि कमजोर सा था मुझमें, उससे लड़ना पड़ा

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

जैसा बीज बोया, वैसा ही फल अपेक्षित हैं भाग्य तो कर्म के, बल पर ही संचित है ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#navratri  जैसा बीज बोया, वैसा ही फल अपेक्षित हैं 
भाग्य तो कर्म के, बल पर ही संचित है

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#navratri

13 Love

feelings randomly ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

 feelings randomly

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

feelings randomly ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

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