New Year 2025 कि गुजरे हुए ज़माने को, भला कोई याद | हिंदी Poetry

"New Year 2025 कि गुजरे हुए ज़माने को, भला कोई याद क्यों करे ज़ुल्म न हो अगर तो कोई किसी से फरियाद क्यों करें ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)"

 New Year 2025 कि गुजरे हुए ज़माने को, भला कोई याद क्यों करे 
ज़ुल्म न हो अगर तो कोई किसी से फरियाद क्यों करें

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

New Year 2025 कि गुजरे हुए ज़माने को, भला कोई याद क्यों करे ज़ुल्म न हो अगर तो कोई किसी से फरियाद क्यों करें ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#Newyear2025

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