White कमज़ोर रिश्तों की डोर थामे, एक मुसाफ़िर चलता | हिंदी Poetry

"White कमज़ोर रिश्तों की डोर थामे, एक मुसाफ़िर चलता रहा एक सूरज था जो मेरी खुशियों से, आज तक जलता रहा ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)"

 White कमज़ोर रिश्तों की डोर थामे, एक मुसाफ़िर चलता रहा 
एक सूरज था जो मेरी खुशियों से, आज तक जलता रहा

©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

White कमज़ोर रिश्तों की डोर थामे, एक मुसाफ़िर चलता रहा एक सूरज था जो मेरी खुशियों से, आज तक जलता रहा ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)

#good_night

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