SoldierMohan

SoldierMohan Lives in Jaipur, Rajasthan, India

अपने वजूद 😌 पे इतना तो यकीन है हमें 👦 कि, कोई दूर 👩 तो हो सकता है 😒 हमसे, पर हमें भूल नहीं सकता ।।

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Unsplash लक्ष्य का लिबास ओढ़ ले, हौसलों का दामन थाम बाज सरीखा जग में उड़ जा, हर मुश्किल होगी फिर आम रातों को भी दिवस बना ले, मेहनत कर तू आठों याम कर्म लेखनी लिखे नसीबा, कृष्ण, कंस हो चाहे कलाम Don't Waste Your Time Invest Your Time ©SoldierMohan

#Quotes #Book  Unsplash लक्ष्य का लिबास ओढ़ ले, हौसलों का दामन थाम
बाज सरीखा जग में उड़ जा, हर मुश्किल होगी फिर आम
रातों को भी दिवस बना ले, मेहनत कर तू आठों याम
कर्म लेखनी लिखे नसीबा, कृष्ण, कंस हो चाहे कलाम
Don't Waste Your Time 
Invest Your Time

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#Book

19 Love

सपने देखने वालों के लिए रातें छोटी होती है और उन्हें पूरा करने वालों के लिए दिन. ©SoldierMohan

#thought #Quotes  सपने देखने वालों के लिए रातें छोटी होती है
और उन्हें पूरा करने वालों के लिए दिन.

©SoldierMohan

#thought

16 Love

#विश्व_आदिवासी_दिवस #कविता
#कविता #myvoice

#myvoice

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#कविता   एक वृक्ष ने हर मौसम में छाया दी.
कभी फल दिया तो कभी फूल दिया.
 कल्पवृक्ष की तरह हर मन्नत पूरी की.
अब बेबस सा खडा है वो, ना वो फूल है ना वो छाया 
फिर भी उसकी इच्छा है कि और कुछ दे सके.
आशाओं के पंख थे कि छाया में बहुत से खुशबूदार, फलदार, औषधीय गुण वाले पेड़ बनेंगे.
मेरी छाया में लहलायेगी कितनी बगिया.
इन्हीं उम्मीदों में झेलता रहा प्रचंड धूप, कड़ाके की ठंड और मूसलाधार बारिश को 
कुछ हुआ भी की तेजी से बढ़े पौधे कलियां भी खिली पर साथ में ढेर सारे कांटे लेकर जो चुभते हैं उसी वृक्ष को 
खरपतवार भी साथ में है, कुछ परजीवी पादप उग आए हैं.
अब वृक्ष बस सोचता है कि क्यों सही मैंने इतनी तपन इन कुकुरमुत्तों की परवरिश के लिए.

©SoldierMohan

एक वृक्ष ने हर मौसम में छाया दी. कभी फल दिया तो कभी फूल दिया. कल्पवृक्ष की तरह हर मन्नत पूरी की. अब बेबस सा खडा है वो, ना वो फूल है ना वो छाया फिर भी उसकी इच्छा है कि और कुछ दे सके. आशाओं के पंख थे कि छाया में बहुत से खुशबूदार, फलदार, औषधीय गुण वाले पेड़ बनेंगे. मेरी छाया में लहलायेगी कितनी बगिया. इन्हीं उम्मीदों में झेलता रहा प्रचंड धूप, कड़ाके की ठंड और मूसलाधार बारिश को कुछ हुआ भी की तेजी से बढ़े पौधे कलियां भी खिली पर साथ में ढेर सारे कांटे लेकर जो चुभते हैं उसी वृक्ष को खरपतवार भी साथ में है, कुछ परजीवी पादप उग आए हैं. अब वृक्ष बस सोचता है कि क्यों सही मैंने इतनी तपन इन कुकुरमुत्तों की परवरिश के लिए. ©SoldierMohan

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#कविता #DearDost

#DearDost

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