"White वैचारिक मतभेद बहुत है
भीतर से मन मौन है
सब देते हैं सलाह अपर को
ख़ुद की सुनता कौन है
अर्थ तंत्र की अभिलाषा में
प्यार भरे दो बोल नहीं
पल-पल दम घुटता रिश्तों का
संघर्षों का मोल नहीं
कुदरत माँ की देन है सूरत
सीरत अपने दम सें होगी
चिंता, आलस, नशा करे तो
मुलाक़ात फिर गम सें होगी
--- मोहन
©SoldierMohan
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