अब अपने दिल पे मेरी हुकूमत नहीं रही
सियासत से अपनी ये इलाक़ा भी निकल गया...
इश्क़ ??
जी नहीं, ये डिप्रेशन भी हो सकता है!
सजग रहिये और अपने प्रियजनों का ख़याल रखिये!
हमारी चेतना के सूर्य और हमारे वर्तमान के धरातल के बीच कभी कभी मन चन्द्रमा की तरह आ खड़ा होता हैं।
#SuperBloodMoon Aarchi Advani Chahat Kanchan Priyanka Yadav preety gop Icharaj kanwar
#Books "खुले हाथों को बंद करा देती हैं,
ये ठंड हैं शायर को डरा देती हैं,
डर के साए में लिखना हैं अच्छा शेर मगर,
उसकी आहट मेरे हाथ से कलम गिरा देती हैं"
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