Ankur tiwari

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A science student with lot's of love in art's

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Unsplash करते हैं झूठे वादे हमसे,कसमें वफ़ा के खाते हैं अपनी मीठी बातों से वे ,दिल को अक्सर बहलाते हैं बनते बिल्कुल भोले से पर ,विष घोल देते है जीवन में करते हैं तबाह वो लोग हमें ,जो सिर्फ़ वक्त बिताने आते हैं दिल देते है खुद ही यहां पर वो, दिलदार भी खुद ही बनाते हैं करके प्रेम दिखावे का धीरे से, वो फिर जीवन में घुस जाते हैं कह दो उनसे ना ये करम करें , दे छोड़ वो इन तासीरो को ना खेले किसी के दिल से वो,क्यों दिल बिना वजह के दुखाते है कोई समझाओ ये सब बंद करें ,ना किसी के दिल से खिलवाड़ करें उनकी बातों में आकर अक्सर, अंजान कुछ लोग यहां मर जाए हैं अंकुर अंजान ©Ankur tiwari

#कोट्स #traveling  Unsplash करते हैं झूठे वादे हमसे,कसमें वफ़ा के खाते हैं 
अपनी मीठी बातों से वे ,दिल को अक्सर बहलाते हैं 

बनते बिल्कुल भोले से पर ,विष घोल देते है जीवन में 
करते हैं तबाह वो लोग हमें ,जो सिर्फ़ वक्त बिताने आते हैं 

दिल देते है खुद ही यहां पर वो, दिलदार भी खुद ही बनाते हैं 
करके प्रेम दिखावे का धीरे से, वो फिर जीवन में घुस जाते हैं 

कह दो उनसे ना ये करम करें , दे छोड़ वो इन तासीरो को
ना खेले किसी के दिल से वो,क्यों दिल बिना वजह के दुखाते है 

  कोई समझाओ ये सब बंद करें ,ना किसी के दिल से खिलवाड़ करें 
उनकी बातों में आकर अक्सर, अंजान कुछ लोग यहां मर जाए हैं 

अंकुर अंजान

©Ankur tiwari

#traveling

17 Love

White चंद लफ्ज़ों में आ सकें तुम वो जज़्बात नहीं हो जो गुजर गए वो तुम मेरे बुरे हालात नहीं हो तुम्हें तो सलीके से छुपाकर रखा है मैंने जो सबको दीद हो तुम वो आफताब नहीं हो मेरे दिल के आसमां पर तुम ही छाते हो अक्सर मेरे नग़मे लतीफों में तुम ही आते हो अक्सर बिन तुम्हारे गुजरे ऐसा कोई पल नहीं मेरा मेरी धड़कनों में गीत तुम ही गाते हो अक्सर सितारों से एक रोज़ तुमको सजाने की तमन्ना हैं तेरे घर डोली लेकर आने की तमन्ना हैं एक चुटकी भर सिंदूर से रिश्ता जोड़ना नहीं तुमसे लेकर हाथ में सिंहोरा तेरी माँग भर आने की तमन्ना है मेरा वो ख़्वाब हो तुम जो कभी सच हो तो क्या कहना मेरे संग में जो तुम हो तो महक जाएं घर और अंगना तुम्हारे होने की अनुभूति से हैं रोम रोम खिल जाता अगर तुम हो जाते मेरे तो फिर किस्मत का क्या कहना ©Ankur tiwari

#love_shayari #लव  White चंद लफ्ज़ों में आ सकें तुम वो जज़्बात नहीं हो 
जो गुजर गए वो तुम मेरे बुरे हालात नहीं हो 
तुम्हें तो सलीके से छुपाकर रखा है मैंने 
जो सबको दीद हो तुम वो आफताब नहीं हो 

मेरे दिल के आसमां पर तुम ही छाते हो अक्सर 
मेरे नग़मे लतीफों में तुम ही आते हो अक्सर 
बिन तुम्हारे गुजरे ऐसा कोई पल नहीं मेरा 
मेरी धड़कनों में गीत तुम ही गाते हो अक्सर 

सितारों से एक रोज़ तुमको सजाने की तमन्ना हैं 
तेरे घर डोली लेकर आने की तमन्ना हैं 
एक चुटकी भर सिंदूर से रिश्ता जोड़ना नहीं तुमसे 
लेकर हाथ में सिंहोरा तेरी माँग भर आने की तमन्ना है 

मेरा वो ख़्वाब हो तुम जो कभी सच हो तो क्या कहना 
मेरे संग में जो तुम हो तो महक जाएं घर और अंगना 
तुम्हारे होने की अनुभूति से हैं रोम रोम खिल जाता 
अगर तुम हो जाते मेरे तो फिर किस्मत का क्या कहना

©Ankur tiwari

#love_shayari

15 Love

तुम एक कतरा अगर बहाओगे हम समुद्र बहाकर रख देंगे गर छेड़ोगे हमको तो हम हाहाकार मचाकर रख देंगे गर चुप है तो मत समझो इसको कहीं हमारी खामोशी हम हिंदू हिंद के वासी हैं तुम्हारा अस्तित्व मिटाकर रख देंगे अंकुर तिवारी अंजान ©Ankur tiwari

#हिन्दू  तुम एक कतरा अगर बहाओगे 
हम समुद्र बहाकर रख देंगे 
गर छेड़ोगे हमको तो 
हम हाहाकार मचाकर रख देंगे 
गर चुप है तो मत समझो इसको 
कहीं हमारी खामोशी 
हम हिंदू हिंद के वासी हैं 
तुम्हारा अस्तित्व मिटाकर रख देंगे 
अंकुर तिवारी अंजान

©Ankur tiwari

White चांद तू ही बता ए चांद तू कितनो का दीवाना था, तू कभी माशूक कभी दिलबर का पैमाना था तूने देखा हैं युगों युगों की लीला को तूने सहा हैं दिलवर से मामा बनने की पीड़ा को तुझे कुलटा तो कभी तुझपर भी दाग बताया है तुझे दुनिया ने धिक्कारा और गले लगाया है तू शीश महेश के हैं करता क्रीड़ा गणपति के संग बदलता नित्य कला चौदह दिन और एक एक क्षण तूने ना कहा कुछ जिसने जो कहा उसे मान लिया है तू चमका बनकर महबूब फ़िर खुद को फीका मान लिया है तूने हर मज़हब को अपनाया है और क़रीब से जाना है तुझे देख मनी थी ईद कभी आज करवा चौथ मनाना हैं सिखा दे दुनियां को कि तू ऐसा कैसे कर लेता हैं जलकर धूप में नित खुद को तू कैसे शीतल रख लेता हैं अंकुर अंजान , ©Ankur tiwari

#karwachouth  White  चांद तू ही बता
ए चांद तू कितनो का दीवाना था,
तू कभी माशूक कभी दिलबर का पैमाना था 
तूने देखा हैं युगों युगों की लीला को
तूने सहा हैं दिलवर से मामा बनने की पीड़ा को 
तुझे कुलटा तो कभी तुझपर भी दाग बताया है 
तुझे दुनिया ने धिक्कारा और गले लगाया है 
तू शीश महेश के हैं करता क्रीड़ा गणपति के संग 
बदलता नित्य कला चौदह दिन और एक एक क्षण 
तूने ना कहा कुछ जिसने जो कहा उसे मान लिया है 
तू चमका बनकर महबूब फ़िर खुद को फीका मान लिया है 
तूने हर मज़हब को अपनाया है और क़रीब से जाना है 
तुझे देख मनी थी ईद कभी आज करवा चौथ मनाना हैं
सिखा दे दुनियां को कि तू ऐसा कैसे कर लेता हैं 
जलकर धूप में नित खुद को तू कैसे शीतल रख लेता हैं
अंकुर अंजान 









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©Ankur tiwari

#karwachouth

12 Love

White कुछ वक्त की बात हैं कुछ दौलत का शुरूर हैं आज जो बन रहे हैं खुद को वो भी कही मजदूर हैं चार दिन की जिंदगी हैं और उसमें भी ये बेरुखी गैरों से गले मिल रहे लोग अपनों से बड़े दूर हैं अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Sad_Status  White कुछ वक्त की बात हैं कुछ दौलत का शुरूर हैं 
आज जो बन रहे हैं खुद को वो भी कही मजदूर हैं 
चार दिन की जिंदगी हैं और उसमें भी ये बेरुखी 
गैरों से गले मिल रहे लोग अपनों से बड़े दूर हैं 
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

#Sad_Status

10 Love

White जो स्वप्न सजाए थे हमने उन स्वप्नों का क्या मोल रहा जो भ्रमर गीत संग गाए थे उन गीतों का क्या बोल रहा तुम भूल गए कैसे हमने स्वर गुंजित कर गुणगान किया था तुम भूल गए हमने संग मिलकर जीवन का एक नया आह्वान किया था जब जग रूठा था हमसे तब भी ना हमने जरा मलाल किया था कटु वचन सुने दुनियां के फिर भी ना नीचे अपना भाल किया था फिर हुई क्या मुझसे भूल जो तुमने साथ अचानक छोड़ दिया है मझधारा में लाकर मुझको बोलो क्यों राह अचानक मोड़ लिया है मन में यह विष घोला किसने किसने हैं नया प्राणिपात लिया किसने मेरे जीवन के इस उपवन पर इतना बड़ा आघात किया गर कुछ नाराजी है तो बात करो जरा तर्क भी दो संवाद करों यूं निरा छोड़कर मुझको तुम ना मन पर हृदयाघात करो यह विरह नही सह पाऊंगा, जीते जी मै मर जाऊंगा गर तुझसे बिछड़ गया फिर मैं मुझमें ही ना रह पाऊंगा गर फिर भी भान नहीं तुमको तो लो कटार लहू लोचन कर दो चीर दो मेरा हृदय पटल और प्रेम के ऋण से मोचन कर दो ©Ankur tiwari

#Sad_Status #Bhakti  White  
जो स्वप्न सजाए थे हमने 
उन स्वप्नों का क्या मोल रहा 
जो भ्रमर गीत संग गाए थे 
उन गीतों का क्या बोल रहा 
तुम भूल गए कैसे हमने 
स्वर गुंजित कर गुणगान किया था 
तुम भूल गए हमने संग मिलकर 
जीवन का एक नया आह्वान किया था 
जब जग रूठा था हमसे तब भी ना 
हमने जरा मलाल किया था 
कटु वचन सुने दुनियां के फिर भी ना 
नीचे अपना भाल किया था 
फिर हुई क्या मुझसे भूल जो तुमने 
साथ अचानक छोड़ दिया है 
मझधारा में लाकर मुझको बोलो क्यों 
राह अचानक मोड़ लिया है 
मन में यह विष घोला किसने 
किसने हैं नया प्राणिपात लिया 
किसने मेरे जीवन के इस उपवन पर 
इतना बड़ा आघात किया 
गर कुछ नाराजी है तो बात करो 
जरा तर्क भी दो संवाद करों 
यूं निरा छोड़कर मुझको तुम 
ना मन पर हृदयाघात करो 
यह विरह नही सह पाऊंगा, 
जीते जी मै मर जाऊंगा 
गर तुझसे बिछड़ गया फिर मैं 
मुझमें ही ना रह पाऊंगा 
गर फिर भी भान नहीं तुमको तो
लो कटार लहू लोचन कर दो
चीर दो मेरा हृदय पटल और
प्रेम के ऋण से मोचन कर दो

©Ankur tiwari

#Sad_Status

12 Love

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