Jishant ansari

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कलमकार✍️ ज़िंदगी एक कविता है , और में काव्य प्रेमी

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White अब ख्यालों में वो शख्स रहता ही कहा है जैसे नम आँखों से आँसू बहता ही कहा है खामोशी , उन्स , इन्तजाह सब इशारे ही तो है कभी कोई इश्क में कुछ कहता ही कहा है ©Jishant ansari

#love_shayari  White अब ख्यालों में वो शख्स रहता ही कहा है
जैसे नम आँखों से आँसू बहता ही कहा है 

खामोशी , उन्स , इन्तजाह सब इशारे ही तो है
कभी कोई इश्क में कुछ कहता ही कहा है

©Jishant ansari

#love_shayari

13 Love

White इस शहर आकर भी तुम्हारे ख्याल में हूँ । जैसे शाख से टूटे पत्ते उसी हाल में हूँ । सरका जब कांधे से सिर तुम्हारा मेरे ये सपना भी टूटा इसी मलाल में हूँ । निगाहों में अपनी मुझे यूँ कैद करना जैसे कैद किसी गणित के सवाल में हूँ । किसी जोगी सा फिरता जो दर बदर में लोग कहते हैं इश्क़ के जंजाल में हूँ । यूँ तो उसको हिचकियां आती नहीं थी सोचता हूँ अभी भी उसके ख्याल में हूँ ©Jishant ansari

#love_shayari  White इस शहर आकर भी तुम्हारे ख्याल में हूँ ।
जैसे शाख से टूटे पत्ते उसी हाल में हूँ । 

 सरका जब कांधे से सिर तुम्हारा मेरे
 ये सपना भी टूटा इसी मलाल में हूँ ।

निगाहों में अपनी मुझे यूँ कैद करना
जैसे कैद किसी गणित के सवाल में हूँ ।

किसी जोगी सा फिरता जो दर बदर में
लोग कहते हैं इश्क़ के जंजाल में हूँ ।

यूँ तो उसको हिचकियां आती नहीं थी
सोचता हूँ अभी भी उसके ख्याल में हूँ

©Jishant ansari

#love_shayari

15 Love

White तुम्हारे जाने के बाद..... क्यों नही खो जाते हम उन सभी संस्मरणों की गोद मे जँहा सिर्फ तुम अपने हाथों से मेरे बालो को स्पर्श करती थी , वह पल मेरे लिए ठीक वैसा ही था जैसा किसी तितली का उस फूल पर बैठना जिसका रंग उसके पंखों से मिलता हो , इस सदैव असहनीय एकांत से मुझको उन सभी वेदनाओं की धूमिल छवि दिखाई देती हैं जँहा तुम किसी हवा के झोंके की तरह मेरे चेहरे को स्पर्श करती थी , तुम्हारे जाने के बाद मुझमें सिर्फ कुछ कल्पनाये जीवित हैं जिनका उदहारण सिर्फ इतना कि अब ज़मी पर तुम्हारी तस्वीर उस लकड़ी से बनाता हूँ जो खुद बारिश के विरह में किसी कंकाल की भाँति ज़मी में पैरों तले विलुप्त होती जा रही है ©Jishant ansari

#Emotional #Feeling #quaotes #Quotes #vichar  White तुम्हारे जाने के बाद.....

क्यों नही खो जाते हम उन सभी संस्मरणों की गोद मे जँहा सिर्फ तुम अपने हाथों से मेरे बालो को स्पर्श करती थी , वह पल मेरे लिए ठीक वैसा ही था जैसा किसी तितली का उस फूल पर बैठना जिसका रंग उसके पंखों से मिलता हो , इस सदैव असहनीय एकांत से मुझको उन सभी वेदनाओं की धूमिल छवि दिखाई देती हैं जँहा तुम किसी हवा के झोंके की तरह मेरे चेहरे को स्पर्श करती थी ,  तुम्हारे जाने के बाद मुझमें सिर्फ कुछ कल्पनाये जीवित हैं जिनका उदहारण सिर्फ इतना कि अब ज़मी पर तुम्हारी तस्वीर उस लकड़ी से बनाता हूँ जो खुद बारिश के विरह में किसी कंकाल की भाँति ज़मी में पैरों तले विलुप्त होती जा रही है

©Jishant ansari

ये लोग हैं जो तुम्हें समझाने वाले मतलब मतलब से हक जताने वाले मौका परस्तों की कमी नही है यारो देखते हैं लोग इश्क़ पे इतराने वाले खुदको इतना नादान समझता नही मैं क्यों जलते हैं हाथ आग बुझाने वाले मेरे ज़ख्मो का हमनवां बना है जो हाथ कांपे क्यों नही खंज़र चुभाने वाले अंसारी इन लबों से कुछ इरादा न करो यहीं है तेरे आँगन के दीये बुझाने वाले ©Jishant ansari

#Emotional #LO√€ #shyari #poatry  ये लोग हैं जो तुम्हें समझाने वाले 
मतलब मतलब से हक जताने वाले

मौका परस्तों की कमी नही है यारो
देखते हैं लोग इश्क़ पे इतराने वाले

खुदको इतना नादान समझता नही मैं
क्यों जलते हैं हाथ आग बुझाने वाले

मेरे ज़ख्मो का हमनवां बना है जो
हाथ कांपे क्यों नही खंज़र चुभाने वाले

अंसारी इन लबों से कुछ इरादा न करो 
यहीं है तेरे आँगन के दीये बुझाने वाले

©Jishant ansari

White खुदकुशी , शायेद आखिरी मंजिल ही यही है । हर किसी के सपनो की , पर मेरा सपना तो कुछ लोगो तक ही आकर रुक जाता था , हाँ वही लोग जो मेरे अपने है या थे खैर ,मुझे भी खुदकुशी करनी है अपनी हर उस चीज के लिए जिससे केवल मुझे उदासी , अकेलापन , उन्स , घुटन का एहसास हुआ है ' मुझे खुदकुशी करनी है अपने उन फैसलो के लिए जो कभी मेरे मित्र नही बने , उन झूठी जिम्मेदारियों के लिए जो मेरा बचपन खा गई , या उन सभी यादो के लिए जिनमें में खुदको खुश मानने की नाकाम कोशिश करता रहा , मुझे खुदकुशी करनी है हर उस लम्हें के लिए जिनमे मेरा योगदान केवल उस जोकर के समान था जो चंद मुस्कुराहट के लिए खुदके आँसुओ का सौदा करता है , मुझे खुदकुशी करनी है अपने संस्मरणों के लिए जिनमे हर वो शख्स निहित है जो मेरा दुख का कारण बना है , ©Jishant ansari

#akelapan #emostion #fealings #quaotes #Quotes  White खुदकुशी , शायेद आखिरी मंजिल ही यही है । हर किसी के सपनो की , पर मेरा सपना तो कुछ लोगो तक ही आकर रुक जाता था , हाँ वही लोग जो मेरे अपने है या थे खैर ,मुझे भी खुदकुशी करनी है अपनी हर उस चीज के लिए जिससे केवल मुझे उदासी , अकेलापन , उन्स , घुटन का एहसास हुआ है ' मुझे खुदकुशी करनी है अपने उन फैसलो के लिए जो कभी मेरे मित्र नही बने , उन झूठी जिम्मेदारियों के लिए जो मेरा बचपन खा गई , या उन सभी यादो के लिए जिनमें में खुदको खुश मानने की नाकाम कोशिश करता रहा , 

मुझे खुदकुशी करनी है हर उस लम्हें के लिए जिनमे मेरा योगदान केवल उस जोकर के समान था जो चंद मुस्कुराहट के लिए खुदके आँसुओ का सौदा करता है , मुझे खुदकुशी करनी है अपने संस्मरणों के लिए जिनमे हर वो शख्स निहित है जो मेरा दुख का कारण बना है ,

©Jishant ansari

White सर-ए-राह खड़े है हम किस मालम में ज़िंदगी गुजर रही है इसी खयाल में क्या किया है तुमने , क्या करते हो तुम में फंस गया हूँ बस इन्ही दो सवाल में ©Jishant ansari

#sad_shayari #quaotes #lonely #shyari  White सर-ए-राह खड़े है हम किस मालम में
ज़िंदगी गुजर रही है इसी खयाल में 

क्या किया है तुमने , क्या करते हो तुम
में फंस गया हूँ बस इन्ही दो सवाल में

©Jishant ansari
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