White इस शहर आकर भी तुम्हारे ख्याल में हूँ ।
जैसे शाख से टूटे पत्ते उसी हाल में हूँ ।
सरका जब कांधे से सिर तुम्हारा मेरे
ये सपना भी टूटा इसी मलाल में हूँ ।
निगाहों में अपनी मुझे यूँ कैद करना
जैसे कैद किसी गणित के सवाल में हूँ ।
किसी जोगी सा फिरता जो दर बदर में
लोग कहते हैं इश्क़ के जंजाल में हूँ ।
यूँ तो उसको हिचकियां आती नहीं थी
सोचता हूँ अभी भी उसके ख्याल में हूँ
©Jishant ansari
#love_shayari