Sanjay Sen Sagar

Sanjay Sen Sagar Lives in Sagar, Madhya Pradesh, India

Film Screenplay Writer| Studied at Film and Television Institute of India,Pune| instagram: @sanjaysensagar

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उनकी नीयत ,फ़ितरत,धोखा, झूठ सब पर बारीक नजर है मगर उनको लगता है हमें ख़बर कुछ भी नही। ©Sanjay Sen Sagar

#LastDay  उनकी नीयत ,फ़ितरत,धोखा, झूठ सब पर बारीक नजर है
मगर उनको लगता है हमें ख़बर कुछ भी नही।

©Sanjay Sen Sagar

#LastDay

11 Love

शहर- दर - शहर श्मशान हो रहे है ये जिंदगी सब तेरे मेहमान हो रहे है कंधे पर बिठा कभी, जिसने आसमां दिखाया अस्थियाँ उसकी अब बोझिल सामान हो रहे है खौफ़, दर्द, मौत ये सब कुछ नही हमारे लिए हम तो विधायक जी के लिए कुर्बान हो रहे है। मास्क, दूरी,वैक्सीन ये सब आपको मुबारक़ हम 4 पैग वाले है आप बेवज़ह परेशान हो रहे है। क्या कसूर जो छीन ली मैंने उस बूढ़े की साँसे उन्हें भी संभालना है, जो अभी जवान हो रहे है। ©Sanjay Sen Sagar

#coldnights  शहर- दर - शहर श्मशान हो रहे है
ये जिंदगी सब तेरे मेहमान हो रहे है

कंधे पर बिठा कभी, जिसने आसमां दिखाया
अस्थियाँ उसकी अब बोझिल सामान हो रहे है

खौफ़, दर्द, मौत ये सब कुछ नही हमारे लिए
हम तो विधायक जी के लिए कुर्बान हो रहे है।

मास्क, दूरी,वैक्सीन ये सब आपको मुबारक़
हम 4 पैग वाले है आप बेवज़ह परेशान हो रहे है।

क्या कसूर जो छीन ली मैंने उस बूढ़े की साँसे
उन्हें भी संभालना है, जो अभी जवान हो रहे है।

©Sanjay Sen Sagar

#coldnights

15 Love

अब पहुँची हो सड़क तुम गाँव जब पूरा गाँव शहर जा चुका है। ©Sanjay Sen Sagar

 अब पहुँची हो सड़क तुम गाँव
जब पूरा गाँव शहर जा चुका है।

©Sanjay Sen Sagar

अब पहुँची हो सड़क तुम गाँव जब पूरा गाँव शहर जा चुका है। ©Sanjay Sen Sagar

8 Love

कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरबरी यूँ ही नही किसी ने इसके दिन घटाये है। ©Sanjay Sen Sagar

#WallTexture  कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरबरी
यूँ ही नही किसी ने इसके दिन घटाये है।

©Sanjay Sen Sagar

#WallTexture

12 Love

इश्क़ कर लीजिये बेइंतहा किताबों से, एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती। ©Sanjay Sen Sagar

 इश्क़ कर लीजिये बेइंतहा किताबों से,
एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती।

©Sanjay Sen Sagar

इश्क़ कर लीजिये बेइंतहा किताबों से, एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती। ©Sanjay Sen Sagar

11 Love

तेरी रहमतों ने मुझको कुछ यूं संवारा है मैं डूबता मुसाफिर,तू किनारा है खामोश रास्तों का मैं अंधेरा हूँ तू मेरा जुगनू , तू सितारा है तू दीवाली की रौनक ,मैं मायूस लम्हा हूँ फागुन के रंगों से तूने मुझे सजाया है तू बरगद सी विशाल,मैं नन्हा सा पौधा हूँ समेट मुझको तुमने आसमां दिखाया है @ संजय सेन सागर

#शायरी #feather  तेरी रहमतों ने मुझको कुछ यूं संवारा है
 मैं डूबता मुसाफिर,तू किनारा है

खामोश रास्तों का मैं अंधेरा हूँ
तू मेरा जुगनू , तू सितारा है

तू दीवाली की रौनक ,मैं मायूस लम्हा हूँ
फागुन के रंगों से तूने मुझे सजाया है

तू बरगद सी विशाल,मैं नन्हा सा पौधा हूँ 
समेट मुझको तुमने आसमां दिखाया है

@ संजय सेन सागर

तेरी रहमत #feather

10 Love

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