White काश!कभी तुम जान ही लेते,मेरी एक हंसी की कीमत,
इस मुस्कान के चेहरे की,मुस्कान कभी न जाने देते।
काश!कि तुमने झांका होता,दिल से मेरे दिल के अंदर,
दिल में बसने वाले को फिर, बाहर तुम न आने देते।
काश!कभी नैनों की भाषा,महफ़िल में पढ़ ली होती तो,
कभी मुझे इन यादों को,एकांत में तुम न लाने देते।
काश!तुम्हारी धड़कन सुन लेती, मेरी धड़कन का नाम,
मेरी धड़कन को तुम, विरह गीत कभी न गाने देते।
काश!कि मेरी एक छुअन को, खुद पर तुम महसूस जो करते,
हम दोनों के बीच की ये,दीवार कभी न आने देते।
काश!कि मेरी उल्फ़त पर,उल्फ़त ही तुमने रक्खी होती,
जो नफरत रक्खी, मेरा चेहरा, उसको न भाने देते।
काश! मेरी साँसे ,बस जाती साँस तुम्हारी के अन्दर,
साँसे जो ढह रही हैं पल-पल,उसे कभी न ढाने देते।
काश! वो पल बस वहीं ठहरते, सीने पर जब सर रक्खा था,
अधरों से चूमा था हिय जब,उसमें मुझे समाने देते।
काश!मेरी दिखती निर्मलता, अधरों ने जब पाँव थे चूमे,
चन्दन सी महकी थी मैं तब, खुद को तुम महकाने देते।
काश!कि जैसे पूजा मैंने, इष्ट मेरे बन गले लगाते,
तुम ही मेरे पूरक होते, मुझको लोग न ताने देते।
©माधुरी"मुस्कान"शर्मा
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